नाग पंचमी 2020 : भगवान श्रीकृष्ण का भी संबंध है इस त्योहार से

Webdunia
नाग पंचमी एक संवेदनशील पर्व है। नाग जहां भगवान शिव के गले के हार हैं। वहीं भगवान विष्णु की शैय्या भी। 
 
लोकजीवन में भी लोगों का नागों से गहरा नाता है। कई पवित्र कारणों से नाग की देवता के रूप में पूजा की जाती है। 
 
नाग पंचमी और श्री कृष्ण का संबंध
 
नाग पंचमी की पूजा का एक प्रसंग भगवान श्री कृष्ण से जुड़ा हुआ है। बालकृष्ण जब अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तो उन्हें मारने के लिए कंस ने कालिया नामक नाग को भेजा। पहले उसने गांव में आतंक मचाया। लोग भयभीत रहने लगे। 
 
एक दिन जब श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तो उनकी गेंद नदी में गिर गई। जब वे उसे लाने के लिए नदी में उतरे तो कालिया ने उन पर आक्रमण कर दिया फिर क्या था कालिया की जान पर बन आई। भगवान श्री कृष्ण से माफी मांगते हुए गांव वालों को हानि न पंहुचाने का वचन देकर नागदेव वहां से चले गए। कालिया नाग पर श्री कृष्ण की विजय को भी नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।

नाग पंचमी पर क्या करें क्या न करें
 
इस दिन भूमि की खुदाई नहीं की जाती। नाग पूजा के लिए नागदेव की तस्वीर या फिर मिट्टी या धातु से बनी प्रतिमा की पूजा की जाती है। दूध, धान, खील और दूब चढ़ावे के रूप मे अर्पित की जाती है। सपेरों से किसी नाग को खरीदकर उन्हें मुक्त भी कराया जाता है। जीवित सर्प को दूध पिलाकर भी नागदेवता को प्रसन्न किया जाता है।
 
नाग पंचमी पर्व तिथि व मुहूर्त 
 
25 जुलाई 2020
 
पूजा मुहूर्त - 05:43 से 8:25 ( 25 जुलाई 2020)
 
पंचमी तिथि प्रारंभ - 14:33 (24 जुलाई 2020)
 
पंचमी तिथि समाप्ति - 12:01 (25 जुलाई 2020)
शुभ समय-प्रात: 7:35 से 9:11, 1:57 से 5:08 बजे तक
राहुकाल-प्रात: 9:00 से 10:30 तक

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

महाकुंभ से लौट रहे हैं तो साथ लाना ना भूलें ये चीजें, घर आती है समृद्धि

Mp tourism: मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल जहां जाकर मिलेगा तीर्थ यात्रा का पुण्य लाभ

बुध का शनि की कुंभ राशि में गोचर से होगा 3 राशियों को बंपर लाभ, 3 को होगा नुकसान

सूर्य का शत्रु की राशि कुंभ में गोचर, जानिए क्या होगा 12 राशियों पर इसका प्रभाव

शनि का मीन राशि में गोचर: क्या होगा देश दुनिया एवं 12 राशियों पर प्रभाव

सभी देखें

धर्म संसार

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

रंग गुलाल और लट्ठमार, बृज में पूरे 40 दिन चलता है फाग का उत्सव, जानिए बृज की होली का इतिहास

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

माता यशोदा के बारे में 5 अनसुनी बातें

Aaj Ka Rashifal: 14 फरवरी, वेलेंटाइन डे का राशिफल, जानें कैसे बीतेगा 12 राशियों का दिन

अगला लेख