Nag panchami 2019 : शिव गायत्री मंत्र से करें नागपंचमी पर पूजन

Webdunia
कालसर्प योग है तो नागपंचमी पर पढ़ें शिव गायत्री मंत्र 
 
कालसर्प योग है तो नागपंचमी के दिन किसी भी शिव मंदिर में नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ा कर आएं। जोड़ा चांदी का, स्वर्ण का, पंचधातु का, तांबे का या अष्ट धातु का हो। नागपंचमी के दिन ही शिव मंदिर में 1 माला शिव गायत्री का जाप (यथाशक्ति) करें एवं नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाएं तो पूर्ण लाभ मिलेगा। 
 
शिव गायत्री मंत्र : 
 
'ॐ तत्पुरुषाय विद्‍महे, महादेवाय धीमहि तन्नोरुद्र: प्रचोदयात्
ॐ अनन्तेशाय विद्महे महाभुजांगाय धीमहि तन्नो नाथः प्रचोदयात् 
ॐ नवकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात् 
 
आम दिनों में भी कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय किए जा सकते हैं। विशेषकर सोमवार को शिव मंदिर में जो जातक यह मंत्र चंदन की अगरबत्ती लगाकर एवं दीपक (तेल या घी) लगाकर जाप करता है, तो उसे अवश्य ही श्रेष्ठ फल प्राप्त होता है। 
 
यह शिव गायत्री मंत्र सामान्य जातक भी अपने कल्याण के लिए जप सकता है। 

ALSO READ: नाग पंचमी पर ये 12 नागदेव देते हैं विशेष आशीष

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

बृहस्पति वर्ष 2025 में अतिचारी होकर 3 बार करेंगे गोचर, वर्ष 2026 में मचाएंगे तबाही, भारत का क्या होगा?

पाकिस्तान में यहां शिव जी के आंसू से बना था अमृत कुंड, जानिए कटासराज शिव मंदिर का अद्भुत इतिहास

नौतपा 2025 : नवतपा के दौरान क्या करें और क्या न करें: जानें काम की बाते

क्यों चर्चा में है पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिन्दुओं का पवित्र शक्तिपीठ हिंगलाज माता मंदिर, जानिए पौराणिक महत्त्व

भविष्‍य मालिका की 6 भविष्‍यवाणियां हुईं सच, जगन्नाथ मंदिर को केंद्र में रखकर की गई हैं भविष्‍यवाणियां

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: आपकी राशि के लिए आज का ताजा भविष्यफल, जानें कैसा बीतेगा 21 मई का दिन

21 मई 2025 : आपका जन्मदिन

21 मई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

क्या राहु और केतु के कारण फिर से लौटेगा महामारी का तांडव काल?

Guru Gochar 2025 : अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों के लिए शुरू हुआ सबसे खराब समय

अगला लेख