जम्मू सीमा पर युद्ध-सा माहौल

-सुरेश एस डुग्गर

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श्रीनगर। जम्मू सीमा पर 5 दिनों की गोलाबारी के बाद आज शांति तो बनी रही, पर युद्ध का माहौल अभी भी कायम है। नतीजा यह है कि जम्मू सीमा के उन इलाकों के हजारों लोग पलायन के लिए बोरिया-बिस्तर बांधकर पलायन के लिए तैयार बैठे हैं जिन गांवों पर पाक सेना पिछले 5 दिनों से गोलों की बरसात कर रही थी!

बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने बताया कि रविवार रात से पाकिस्तानी रेंजरों की तरफ से गोलीबारी या मोर्टार बम नहीं फेंके गए हैं और आईबी (अंतरराष्ट्रीय सीमा) पर शांति वापस लौट आई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ से रविवार को की गई गोलाबारी का करारा जबाव देने के बाद गोलीबारी नहीं हुई।

जम्मू जिले के आरएस पुरा और अरनिया सब सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट रहने वाले लोगों में गोलीबारी और मोर्टार के कारण भय और आतंक का माहौल है। जम्मू फ्रंटियर पर युद्ध-सा माहौल पैदा होने के बाद हजारों लोगों ने पाकिस्तान से सटी 264 किमी लंबी जम्मू सीमा से पलायन करने की तैयारी कर ली है।

जम्मू सीमा पर पाक गोलीबारी कितनी भयानक है, अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीएसएफ ने दूसरी पंक्ति का मोर्चा बनाने के साथ ही सीमावासियों को सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने की घोषणा कर दी। ऐसी घोषणाएं बाकायदा लाउडस्पीकरों पर की गई जिस कारण सीमांत इलाकों में जबरदस्त दहशत का माहौल है।

जम्मू डिवीजन के संभागीय आयुक्त शांतमनु ने बताया कि वहां अकारण गोलाबारी का खतरा है। लेकिन हम लोगों ने पहले से ही सुरक्षित ठिकाने तैयार कर लिए थे और पाकिस्तानी गोलीबारी और बमबारी बढ़ने की स्थिति में सीमावर्ती लोगों को वहां से स्थानांतरित किए जाने को लेकर उनकी पहचान कर ली गई थी। उन्होंने कहा कि गोलीबारी रुकने के बाद अब स्थिति सामान्य होने लगी है।

इसके प्रति एक बीएसएफ अधिकारी का कहना था कि उनके पास नागरिकों को पाक गोलीबारी से बचाने का कोई और रास्ता नहीं था। वे कहते थे कि पाक रेंजरों का साथ पाक सेना द्वारा भी दिया जा रहा है। यह इसी से स्पष्ट होता था कि पाक सेना इंटरनेशनल बॉर्डर पर सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए मोर्टार रॉकेट और हैवी मशीनगनों से गोलियां बरसा रहे हैं।

संघर्ष विराम उल्लंघन की एक बड़ी घटना में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कल पाकिस्तानी रेंजरों ने 15 सीमा चौकियों (बीओपीएस) और कई गांवों पर भारी गोलाबारी की और मोर्टारों बमों से हमला किया।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि जम्मू जिले के अरनिया और आरएस पुरा इलाकों में बीओपी और सीमावर्ती बस्तियों पर कल गोलाबारी और बमबारी की गई। अधिकारी ने बताया कि सीमा की चौकसी कर रहे बीएसएफ के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जो कल सुबह तक जारी रही। 16 जुलाई के बाद से संघर्ष विराम उल्लंघन का यह 5वां मामला है।

करीब 11 सालों के बाद यह पहला अवसर है कि पाकितानी सेना और रेंजरों द्वारा इस प्रकार इतने पैमाने पर सीजफायर का उल्लंघन कर गोलों की बरसात की गई हो। पिछले 11 सालों से आराम की जिन्दगी काट रहे सीमावासियों के लिए परेशानी यह है कि इतने सालों से मिली खुशी को वे इस प्रकार गंवाना नहीं चाहते हैं।

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