विश्वप्रसिद्ध शक्तिपीठ विंध्याचल में सरकार बचाने के लिए कांग्रेसी माँ विंध्यवासिनी के दरबार में रविवार से शतचंडी यज्ञ करवा रहे हैं। 51 कर्मकाण्डी ब्राह्मणों द्वारा शुरू किए गए तीन दिवसीय यज्ञ में कांग्रेसी नेताओं के अलावा पार्टी से जुडे पंडे, पुरोहित भी भाग ले रहे हैं।
इसके अलावा प्रसिद्ध त्रिकोण पथ पर स्थित माँ काली (कालीखोह) एवं माँ अष्टभुजा के पर्वत शिखर पर भी संप्रग सरकार बचाने के लिए यज्ञ किया जा रहा है । यज्ञ के पुरोहित ने बताया अनुष्ठान में यजमान होने की आवश्यकता नहीं होती और उसके स्थान पर उसका कोई भी प्रतिनिधि संकल्प ले सकता है तथा साकला डाल सकता है।
इंदिरा गाँधी भी करवा चुकी हैं यज्ञ : यहाँ पहले भी राजनीतिक कारणों से अनुष्ठान होते रहे हैं। समाजवादी नेता राजनारायण ने चुनाव में इंदिरा गाँधी को हराने के बाद मनोकामना पूर्ण होने पर मुंडन करवाया था। 1980 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी के लिए यहाँ विधिवत यज्ञ कराया गया था, जिसमें खुद इंदिरा गाँधी ने भाग लिया था।
मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती यहाँ हमेशा धार्मिक अनुष्ठान करवाती रहती हैं। मायावती द्वारा कल्याणसिंह को सत्ता नहीं सौंपने तथा अल्पमत सरकार को बचाने के लिए सिंह द्वारा कराया गया यज्ञ काफी सुर्खियों में रहा था।
सपा नेता अमरसिंह भी माता की चौखट पर आते रहे हैं। अमिताभ बच्चन के पुत्र अभिषेक बच्चन के विवाह में आ रही अड़चन दूर करने के लिए यहीं पर अनुष्ठान करवाया गया था, जिसमें अमिताभ परिवार सहित साकला डालने आए थे।