भूकंप के 2 झटकों से दहला कश्मीर, लोगों में हड़कंप

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
मंगलवार, 20 अगस्त 2024 (07:37 IST)
Kashmir earthquake : कश्मीर में मंगलवार सुबह भूकंप के 2 झटकों से लोगों में हड़कंप मच गया। भूकंप की वजह से लोग घरों से बाहर निकल आए। भूकंप से जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
 
जम्मू-कश्मीर के पूंछ और श्रीनगर समेत कश्मीर घाटी में कई स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र बारामूला में था और उसकी की तीव्रता 4.9 मापी गई। 
 
कैसे आता है भूकंप : हमारी धरती मुख्य तौर पर 4 परतों से बनी हुई है- इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टलऔर क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैकटोनिक प्लेट्स अपनी जगह से हिलती रहती हैं। लेकिन जब ये बहुत ज्यादा हिल जाती हैं तो भूकंप आ जाता है। ये प्लेट्स क्षैतिज और उर्ध्वाधर दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इसके बाद वे अपनी जगह तलाशती हैं और ऐसे में एक प्लेट, दूसरी के नीचे आ जाती है।
 
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता : भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापता है। रिक्टर स्केल पैमाने को सन् 1935 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी में कार्यरत वैज्ञानिक चार्ल्स रिक्टर ने बेनो गुटेनबर्ग के सहयोग से खोजा था।
 
इस स्केल के अंतर्गत प्रति स्केल भूकंप की तीव्रता 10 गुना बढ़ जाती है और भूकंप के दौरान जो ऊर्जा निकलती है, वह प्रति स्केल 32 गुना बढ़ जाती है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि 3 रिक्टर स्केल पर भूकंप की जो तीव्रता थी, वह 4 स्केल पर 3 रिक्टर स्केल का 10 गुना बढ़ जाएगी। रिक्टर स्केल पर भूकंप की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 8 रिक्टर पैमाने पर आया भूकंप 60 लाख टन विस्फोटक से निकलने वाली ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है।
 
भूकंप को मापने के लिए रिक्टर के अलावा मरकेली स्केल का भी इस्तेमाल किया जाता है, पर इसमें भूकंप को तीव्रता की बजाए ताकत के आधार पर मापते हैं। इसका प्रचलन कम है, क्योंकि इसे रिक्टर के मुकाबले कम वैज्ञानिक माना जाता है। भूकंप के कारण होने वाले नुकसान के लिए कई कारण जिम्मेवार हो सकते हैं, जैसे घरों की खराब बनावट, खराब संरचना, भूमि का प्रकार, जनसंख्या की बसावट आदि।
 
भारत में भूकंप का खतरा कितना? : भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप का खतरा हर जगह अलग-अलग है। भारत को भूकंप के क्षेत्र के आधार पर 4 हिस्सों जोन-2, जोन-3, जोन-4 तथा जोन-5 में बांटा गया है। जोन 2 सबसे कम खतरे वाला जोन है तथा जोन-5 को सर्वाधिक खतनाक जोन माना जाता है।
 
उत्तर-पूर्व के सभी राज्य, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से जोन-5 में ही आते हैं। उत्तराखंड के कम ऊंचाई वाले हिस्सों से लेकर उत्तरप्रदेश के ज्यादातर हिस्से तथा दिल्ली जोन-4 में आते हैं। मध्यभारत अपेक्षाकृत कम खतरे वाले हिस्से जोन-3 में आता है जबकि दक्षिण के ज्यादातर हिस्से सीमित खतरे वाले जोन-2 में आते हैं।
 
हालांकि राजधानी दिल्ली में ऐसे कई इलाके हैं, जो जोन-5 की तरह खतरे वाले हो सकते हैं। इस प्रकार दक्षिण राज्यों में कई स्थान ऐसे हो सकते हैं, जो जोन-4 या जोन-5 जैसे खतरे वाले हो सकते हैं। दूसरे जोन-5 में भी कुछ इलाके हो सकते हैं, जहां भूकंप का खतरा बहुत कम हो और वे जोन-2 की तरह कम खतरे वाले हों।
Edited by : Nrapendra Gupta  

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को मिलेगा 'आयुष्मान योजना' का लाभ, मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला

Kolkata RG Kar college Case : CM ममता और हड़ताली डॉक्टर आमने-सामने, हड़ताल खत्म करने के लिए रखीं ये शर्तें

विनेश फोगाट ने किया बड़ा खुलासा, कहा पेरिस ओलंपिक में सरकार ने नहीं दिया था साथ

4 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर होने के बाद बेंगलुरु में पुलिस ने BJP कार्यालय और आसपास सुरक्षा बढ़ाई

GNSS के बाद बड़ा सवाल, क्या होगा आपकी कार पर लगे Fastag का

सभी देखें

नवीनतम

मेरठ : 2 साल के अफेयर का खौफनाक अंत, 25 साल के भतीजे के प्रेम में छली गई 40 साल की चाची, जान देकर चुकानी पड़ी कीमत

Sukanya Samriddhi Yojana में 1 अक्टूबर से बड़ा बदलाव, जान लें वरना पछताएंगे

पुरानी शैली बदलें, पूरी संवेदनशीलता के साथ जनता की समस्याओं का निराकरण करें : साय

Weather Update : UP समेत कई राज्‍यों में भारी बारिश की चेतावनी, IMD ने जारी किया अलर्ट

राहुल गांधी ने जताया सीताराम येचुरी के निधन पर दुख, बोले- आइडिया ऑफ इंडिया के संरक्षक थे माकपा के महासचिव

अगला लेख