जम्मू। कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट छेड़ने वाली भारतीय सेना की चिंता का विषय अब नॉर्थ कश्मीर बन गया है। उत्तरी कश्मीर में कई कामयाबियों के बावजूद 50 से अधिक सक्रिय आतंकी उसके लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। हालांकि सेना कहती है कि नार्थ कश्मीर की ओर बढ़ने वाले आतंकियों का ‘भव्य स्वागत’ होगा और उनका हश्र भी उनके जैसा होगा जिन्हें सेना मार गिरा चुकी है।
ट्विटर हैंडल पर रेडियो चिनार के तहत जारी बयान में सेना ने माना है कि आतंकियों का फोकस अब समर्थन मिलने के कारण नार्थ कश्मीर की ओर है। वह दावा करती थी कि साउथ कश्मीर में आतंकियों को अधिक समर्थन नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण नवगठित टीआरएफ तथा पीएएफएफ नामक आतंकी गुटों ने भी नार्थ कश्मीर को ही चुना है।
सेना ने पिछले 7 महीनों में कश्मीर में 26 से अधिक आतंकी कमांडरों को ढेर किया है। इनमें से आधे नॉर्थ कश्मीर में ही मारे गए हैं। सेना के बकौल, जिस तरह से अब आतंकियों का फोकस प्वाइंट नॉर्थ कश्मीर है, ठीक उसी प्रकार से सेना समेत अन्य सुरक्षाबलों को भी इसी इलाके में दबाव बनाना पड़ रहा है, जहां 50 के करीब आतंकी एक्टिव हैं। उसके अनुसार कश्मीर में अनुमानतः 200 आतंकी सक्रिय हैं।
पिछले 7 महीनों के दौरान मारे गए आतंकियों, नेस्तनाबूद किए गए आतंकी ठिकानों, पकड़े गए आतंकियों के समर्थकों व ओवर ग्राउंड वर्करों के प्रति जानकारी देते हुए सेना कहती है कि माना कि नॉर्थ कश्मीर में लोग आतंकियों के साथ सहानुभूति दिखा रहे हैं पर सेना का दावा था कि यह सब डर के मारे है।
सेना के अतिरिक्त जम्मू कश्मीर पुलिस भी पिछले दिनों इसके प्रति कहती रही है कि आतंकी अब अपना बेस नॉर्थ कश्मीर की ओर मोड़ चुके हैं, जबकि उनके रहस्योद्घाटनों के मुताबिक, आतंकियों की नई रणनीति के तहत आतंकी नॉर्थ कश्मीर में कार्रवाइयां करेंगे और पत्थरबाज साउथ कश्मीर में।