भारत के 51वें चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, जानिए उनके करियर और उनसे जुड़ी खास बातें

Webdunia
सोमवार, 11 नवंबर 2024 (13:30 IST)
Who is New CJI Sanjeev Khanna: भारत के न्यायिक इतिहास में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का नाम सोमवार को एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में दर्ज हुआ है। जस्टिस खन्ना, सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस बन गए हैं, जिन्होंने न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ का स्थान लिया है। उनकी नियुक्ति केंद्र सरकार ने 24 अक्टूबर 2024 को घोषित की थी और उन्होंने 11 नवंबर को कार्यभार ग्रहण किया। 
 
न्यायमूर्ति खन्ना की नियुक्ति और पृष्ठभूमि : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। उन्होंने जस्टिस चंद्रचूड़ का स्थान लिया है, जो 10 नवंबर 2024 को दो साल के कार्यकाल के बाद सेवानिवृत्त हुए। 
 
लंबा न्यायिक अनुभव : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का न्यायिक करियर चार दशकों से भी अधिक का है। जस्टिस खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में शामिल होकर की। इसके बाद, वे दिल्ली की तीस हजारी अदालतों में प्रैक्टिस करने लगे। उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण मुकदमे लड़े और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। इसके अलावा, उन्होंने आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया।
 
उच्च न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट तक का सफर : न्यायमूर्ति खन्ना ने 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नति पाई और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बने। हालांकि, किसी भी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्य किए बिना ही उन्हें जनवरी 2019 में सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया, जो उनकी न्यायिक क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने किसी भी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद को ग्रहण किए बिना जनवरी 2019 में सीधे सर्वोच्च न्यायालय में प्रवेश किया, जो अपने आप में एक अनोखी बात है।
 
न्यायमूर्ति खन्ना के ऐतिहासिक फैसले : अपने सुप्रीम कोर्ट कार्यकाल में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कई ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण फैसले दिए और कई महत्वपूर्ण फैसलों में भाग लिया। ये फैसले न केवल कानूनी बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण रहे हैं। ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की उपयोगिता को बनाए रखना और चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ईवीएम की विश्वसनीयता पर अपनी सहमति दी। चुनावी बांड योजना, अनुच्छेद-370 का निरस्तीकरण, अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत जैसे कई अन्य महत्वपूर्ण फैसले हैं, जिनमें उनकी सहभागिता रही। 
 
पारिवारिक पृष्ठभूमि और शिक्षा : 14 मई, 1960 को जन्मे जस्टिस संजीव खन्ना ऐसे परिवार से आते हैं, जिसकी पृष्ठभूमि कानून से जुड़ी रही है। उनके पिता न्यायमूर्ति देवराज खन्ना दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश थे और उनके चाचा जस्टिस एचआर खन्ना सर्वोच्च न्यायालय में एक प्रतिष्ठित न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति खन्ना ने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से पूरी की। उनकी पृष्ठभूमि और अनुभव ने उन्हें न्यायिक कार्यक्षेत्र में एक मजबूत पहचान दी है।
 
जस्टिस खन्ना की नियुक्ति से भारतीय न्यायपालिका में पारदर्शिता और निष्पक्षता की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। उनकी नीतियां, विचारधारा, उनके अनुभव और ज्ञान से भारतीय न्याय पालिका को एक नई दिशा मिलने की संभावना है। उनकी नियुक्ति से भारतीय न्यायपालिका में निष्पक्षता और कुशलता की उम्मीद है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Chandrayaan-3 को लेकर ISRO का बड़ा खुलासा, क्या सच होगा आशियाने का सपना

Disha Salian Case से Maharashtra में सियासी भूचाल, अब नारायण राणे का बयान, उद्धव ठाकरे का 2 बार आया कॉल

Airlines ने लंदन हीथ्रो Airport पर फिर शुरू कीं उड़ानें, आग लगने से 18 घंटे बाधित था परिचालन

नागपुर हिंसा पर CM फडणवीस का नया बयान, दंगाइयों से होगी नुकसान की वसूली, नहीं चुकाने पर चलेगा बुलडोजर

Microsoft और Google को टक्कर देने की तैयारी में मोदी सरकार, बनाएगी Made in India वेब ब्राउजर

सभी देखें

नवीनतम

दुष्कर्म से बचने के लिए महिला चलती ट्रेन से कूदी

क्या प्रेंग्नेंट है मुस्कान, टेस्ट से सामने आएगा सच, साहिल ने मांगा सरकारी वकील, जानिए कैसी बीत रही हैं दोनों की रातें

मेरठ सौरभ हत्याकांड : मुस्कान का होगा प्रेग्नेंसी टेस्ट, बिगड़ी साहिल की तबीयत, सौरभ की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

सांसदों का अप्रैजल, 24 फीसदी बढ़ा वेतन, पेंशन और भत्ता भी बढ़कर मिलेगा

Kunal Kamra show controversy : Kunal Kamra का Eknath Shinde पर तंज, स्टूडियो पर BMC ने चलाया हथौड़ा, कॉमेडियन ने कहा नहीं मांगूगा माफी

अगला लेख