Telangana News : छत्तीसगढ़ के प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के 86 सदस्यों ने शनिवार को तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। 4 एरिया कमेटी सदस्यों समेत 86 नक्सलियों ने नक्सलवाद का हिंसक रास्ता छोड़कर अपने परिवार के साथ शांतिपूर्ण जीवन जीने का फैसला किया। सदस्यों पर चार-चार लाख रुपए का इनाम घोषित था। उन्होंने मल्टी जोन-1 के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) एस चंद्रशेखर रेड्डी के समक्ष आत्मसमर्पण किया। पुलिस ने बताया कि नक्सली क्षेत्र के विकास में बाधा डालते हैं और निर्दोष आदिवासी लोगों को आतंकित करते हैं।
भद्राद्री कोठागुडेम के पुलिस अधीक्षक बी रोहित राजू ने बताया कि चार एरिया कमेटी सदस्यों पर चार-चार लाख रुपए का इनाम घोषित था। विभिन्न मदद के साथ-साथ पुलिस के ऑपरेशन चेयुथा कार्यक्रम के तहत आदिवासी समुदायों के लिए विकास और कल्याण पहल के बारे में जानने के बाद नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।
इस साल अब तक विभिन्न संगठनों के 224 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है। पुलिस के अनुसार, नक्सलियों ने मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला तब किया जब उन्हें एहसास हुआ कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) की विचारधारा अप्रासंगिक हो चुकी है तथा उसने आदिवासी लोगों के बीच विश्वास और समर्थन खो दिया है।
हाल में रामपुर गांव की एक आदिवासी महिला ने अपना पैर खो दिया और सोदीपारा गांव की एक अन्य आदिवासी महिला की मौत माओवादियों द्वारा लगाए गए विस्फोटकों के कारण हो गई। ये गांव भद्राद्री कोठागुडेम जिले और छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के बीच स्थित हैं।
पुलिस ने बताया कि नक्सली क्षेत्र के विकास में बाधा डालते हैं और निर्दोष आदिवासी लोगों को आतंकित करते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि यदि इन क्षेत्रों में विकास हुआ तो उनका अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।
नक्सलवाद का रास्ता छोड़ने के इच्छुक लोगों से तेलंगाना पुलिस ने अपील की है कि अगर वे आत्मसमर्पण करना चाहते हैं और सामान्य जीवन जीना चाहते हैं तो वे अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से निकटतम थाना या जिला अधिकारियों से संपर्क करें। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour