आईना 2018 : इस साल कई बदलावों से गुजरी बायोमीट्रिक पहचान आधार की राह

Webdunia
रविवार, 23 दिसंबर 2018 (18:57 IST)
नई दिल्ली। भारत के हर नागरिक को विशिष्ट पहचान प्रदान करने वाला आधार नए साल में बड़े बदलावों के लिए तैयार है। आने वाले वर्ष में इसके ऑफलाइन पुष्टिकरण की सुविधा गति पकड़ेगी और नए बैंक खातों और मोबाइल कनेक्शन के लिए 12 अंकों की अनूठी पहचान संख्या अनिवार्य नहीं रह जाएगी।
 
 
इस साल आधार की संवैधानिक मान्यता के बारे में उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले और अन्य घटनाक्रमों के बाद 2019 में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार कार्ड को अधिक व्यावहारिक और उपयोगी बनाने की दिशा में काम करेगा।
 
इसके तहत ई-आधार और क्यूआर कोड जैसे माध्यमों से आधार को ऑफलाइन इस्तेमाल की तरफ ले जाने पर जोर रहेगा। ऐसे माध्यमों में आधार कार्डधारकों को अपनी बॉयोमीट्रिक पहचान जाहिर करने की जरूरत नहीं होगी। इन प्रक्रियाओं के इस साल गति पकड़ने की संभावना है।
 
उल्लेखनीय है कि स्कूल में नामांकन, विवाह के प्रमाणपत्र, कर के भुगतान से लेकर नए मोबाइल कनेक्शन लेने तक में आधार की जरूरत पड़ने लगी और यह किसी व्यक्ति की पहचान के लिए सबसे पहली पसंद बन गया। हालांकि यह 1.22 करोड़ आधार कार्डधारकों के लिए तब तक सही रहा, जब तक कि यह संदेह पैदा नहीं हुआ कि साधारण सेवाओं के लिए भी आधार का इस्तेमाल लोगों की निजता में दखल देने वाला है।
 
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने बॉयोमीट्रिक आधारित विश्व के सबसे बड़े डाटाबेस को संवैधानिक मान्यता तो दे दी लेकिन इसकी अनिवार्यता को नए सिरे से परिभाषित किया। शीर्ष अदालत ने 4 के मुकाबले 1 मत से अपने फैसले में कहा कि आधार आयकर रिटर्न दाखिल करने और पैन नंबर आवंटित करने के लिए अनिवार्य बना रहेगा, हालांकि दूरसंचार एवं अन्य क्षेत्र की निजी कंपनियों को लोगों की बॉयोमीट्रिक जानकारी की पुष्टि के लिए दी गई अनुमति को अदालत ने निरस्त कर दिया। इससे विभिन्न सेवाओं के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को झटका लगा।
 
इस ऐतिहासिक फैसले के बाद बैंक, दूरसंचार कंपनियां और वित्तीय प्रौद्योगिकी जैसी कंपनियां ग्राहकों की पहचान की पुष्टि के लिए एक बार फिर से अन्य विकल्प ढूंढने में लग गईं। ये कंपनियां आधार ई-केवाईसी पर बहुत अधिक निर्भर होने लगी थीं। इसके तुरंत बाद यूआईडीएआई क्यूआर (क्विक रेस्पांस) कोड और ई-आधार जैसे अन्य विकल्प लेकर आया।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख