गर्भपात कानून के खिलाफ बलात्कार पीड़िता की याचिका, केंद्र को नोटिस

Webdunia
गुरुवार, 21 जुलाई 2016 (15:04 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गर्भपात कानून के प्रावधानों को चुनौती देने वाली एक कथित बलात्कार पीड़िता की याचिका पर केंद्र एवं महाराष्ट्र सरकार से गुरुवार को प्रतिक्रिया मांगी। याचिका में कानून के उन प्रावधानों को चुनौती दी गई है, जो गर्भधारण के 20 सप्ताह बाद गर्भपात कराने पर रोक लगाते हैं, भले ही मां और उसके भ्रूण को जीवन का खतरा ही क्यों न हो।
 
न्यायमूर्ति जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने शुक्रवार के लिए नोटिस जारी किया और याचिकाकर्ता से कहा कि वह अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के माध्यम से इसकी गुरुवार को ही तामील कराए।
 
महिला की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि याचिका में चिकित्सकीय गर्भपात कानून, 1971 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है क्योंकि यह गर्भपात की अनुमति के लिए 20 सप्ताह की सीमा तय करता है।
 
न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा भी इस पीठ में शामिल हैं। पीठ ने कहा कि वह महिला की हालत पर चिकित्सकीय बोर्ड की रिपोर्ट मांगेगी।
 
महिला का आरोप है कि उसके पूर्व मंगेतर ने उससे शादी का झूठा वादा करके उसका बलात्कार किया था और वह गर्भवती हो गई। उसने अपनी ताजा याचिका में 20 सप्ताह की सीमा तय करने वाली चिकित्सकीय गर्भपात कानून, 1971 की धारा 3 (2) (बी) को निष्प्रभावी किए जाने की मांग की है, क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 21 का उल्लंघन है। (भाषा)

चीन की यह परियोजना भारत के लिए है 'वाटर बम', अरुणाचल के CM पेमा खांडू ने चेताया

nimisha priya : कैसे बचेगी भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की जान, क्या होती है ब्लड मनी, किन हालातों में रुक सकती है फांसी

Donald Trump को Nobel Prize दिलाने के लिए उतावले क्यों हैं पाकिस्तान और इजराइल, क्या हैं नियम, कौन कर रहा है विरोध, कब-कब रहे हैं विवादित

बैकफुट पर CM रेखा गुप्ता, सरकारी आवास की मरम्मत का ठेका रद्द, जानिए कितने में हुआ था ठेका

Video : रिटायर होने के बाद क्या करेंगे गृह मंत्री अमित शाह, सहकारी कार्यकर्ताओं के सामने किया प्लान का खुलासा

JNU में रिटायरमेंट पर क्या बोले उपराष्‍ट्रपति धनखड़?

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अब तक कितने देशों से मिले सम्मान

बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आरोप तय, दिए थे देखते ही गोली मारने के आदेश

हिन्दी विवाद के बीच क्या बोले अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू

स्कूली छात्राओं के कपड़े उतरवाने के मामले में सीएम फडणवीस ने दिए सख्त कार्रवाई के निर्देश

अगला लेख