अखिलेश का भाजपा पर तंज, नया प्रधानमंत्री चाहती है देश की जनता

Webdunia
सोमवार, 21 जनवरी 2019 (18:03 IST)
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने विपक्षी दलों के गठबंधन के नेता के बारे में सवाल पूछ रही भाजपा पर तंज करते हुए सोमवार को कहा कि देश की जनता अगले चुनाव के बाद नया प्रधानमंत्री चाहती है। उन्होंने कहा कि जीत का दावा कर रही भाजपा के पास अगर इस पद के लिए कोई दूसरा चेहरा हो तो बताएं।


अखिलेश ने यहां विपक्षी दलों के संभावित गठबंधन के नेता के बारे में भाजपा द्वारा प्रश्न उठाए जाने संबंधी सवाल पर कहा, भाजपा ने 40 से ज्यादा पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। (शनिवार को कोलकाता में तो) अभी 20-22 दल के नेता ही साथ नजर आए हैं। जहां तक नेता का सवाल है, तो यह पूछा ही जाएगा। भारत का इतिहास बताता है कि नेतृत्व तो जनता खुद ही तय कर लेती है। आने वाले समय में आप देखेंगे कि हमारे पास कितने विकल्प हैं।

उन्होंने कहा, लेकिन एक बात तो बिलकुल सच है, और जनता स्वीकार कर रही है। जब परिणाम आएगा तो आप भी स्वीकार करेंगे कि देश नए प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहा है। अगर भाजपा के पास कोई नया प्रधानमंत्री हो तो बताएं। हमारी तो उसे बड़ी चिंता हो रही है।

सपा प्रमुख ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि सपा और बसपा नेतृत्व ने गठबंधन के बाद सीट बंटवारे के मामले में उत्तर प्रदेश की कई सीटों पर निर्णय ले लिया है। इसका ऐलान भी जल्द होगा। उन्होंने कहा कि जहां तक सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव का सवाल है तो वह जहां से चुनाव लड़ना चाहेंगे, सपा उन्हें वहां से लड़ाएगी।

मुगल सराय से भाजपा विधायक साधना सिंह द्वारा गत शनिवार को बसपा प्रमुख मायावती के प्रति अभद्र टिप्पणी किए जाने का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि भाजपा नेताओं की यह भाषा उनकी हताशा का नतीजा है। चूंकि भाजपा ने अपने शासनकाल में कोई काम नहीं किया है, तो उसके नेता काम की बात कैसे करेंगे। अभी चुनाव आ रहा है तो और भी बातें होंगी।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सिर्फ नीचे ही नहीं बल्कि सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठे व्यक्ति की भी भाषा ऐसी ही है। वाराणसी में आज से शुरू हुए प्रवासी भारतीय दिवस आयोजन पर अखिलेश ने कहा कि जैसा कि पिछले कई वर्षों से इंतजार हो रहा है कि प्रवासी भारतीय यहां कुछ निवेश करेंगे। शायद कुंभ को देखने और गंगा में स्नान करने के बाद उनका मन बदलेगा और उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश होगा।

उन्होंने कहा कि हमने इन्वेस्टर्स समिट तो देखी। उसमें मंच पर बैठे लोग हर जगह मंच पर ही रहते हैं, लेकिन जरूरी नहीं है कि वे आपके यहां निवेश कर देंगे। निवेश कराने के लिए कुछ नीतियां चाहिए। कुछ फैसले और भरोसा चाहिए। भरोसा ठोंको नीति से तो आएगा नहीं। मैं तो कहता हूं कि काशी, कुंभ होकर लौटते समय हमारे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर भी निकल जाएं, तब आकलन करें कि कौन काम कर रहा है और कौन जनता को धोखा दे रहा है।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा साधु-संतों को पेंशन दिए जाने की तैयारियों की खबरों पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें कम से कम 20 हजार रुपए पेंशन मिलनी चाहिए। हम तो चाहते हैं कि समाजवादी पेंशन योजना और यश भारती पुरस्कार प्राप्त लोगों को मिलने वाली पेंशन फिर से शुरू की जाए।

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