जम्मू। 20 दिनों की मुठभेड़ में 9 जवान खोने के उपरांत अब सेना दावा करने लगी है कि पुंछ के जंगलों में जिन आतंकियों के साथ उसकी मुठभेड़ चल रही थी, वे सभी मारे जा चुके हैं। हालांकि अभी शव बरामद नहीं किए गए हैं।
सेना की ओर से इसके प्रति कोई आधिकारिक दावा नहीं किया गया है और न कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है पर सेना के सूत्र कहते थे कि चार दिनों से आतंकियों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है। चार दिन पहले सेना ने जंगल के उस भू-भाग पर राकेटों और गोलों की बरसात की थी, जहां आतंकियों के छिपे होने की शंका थी। नतीजतन जंगल के एक बड़े भू-भाग में आग लग गई।
सेना कहती है कि फाइनल असाल्ट के तहत उसकी राकेटों और गोलों की बरसात के कारण उसे उम्मीद है कि सभी आतंकी मारे गए हैं या फिर जख्मी हो चुके हैं जिस कारण अब उनकी ओर से कोई गोलीबारी नहीं कर जा रही है।
ज्यादातर आतंकवादी पाकिस्तानी : रक्षा सूत्रों के बकौल, सूचनाएं और इस संबंध में हिरासत में लिए गए 20 से ज्यादा आतंकी समर्थक और ओजीडब्ल्यू से यह सामने आया था कि इन आतंकियों में अधिकतर पाकिस्तानी ही हैं और दो से तीन स्थानीय आतंकी बतौर गाइड उनके साथ थे।
20 दिनों से जारी मुठभेड़ में अभी तक सेना अपने 9 जवानों को खो चुकी है, जिनमें 3 अफसर भी हैं। हालांकि वे इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि आतंकियों में शामिल स्नाइपर पाक सेना के एसएसजी कमांडो थे या फिर अति प्रशिक्षित आतंकी। पर इतना जरूर था कि आतंकियों के स्नाइपर शॉटों से ही अधिकतर जवानों की मौत हुई थी, जिनके सिरों में ही गोली लगी थी।