नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न सिर्फ सीमा के इस ओर की जाएगी, बल्कि जरूरत पड़ने पर उस ओर भी की जाएगी।
उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि लोग कहा करते थे कि यदि अनुच्छेद 370 हट जाएगा, तो पूरा कश्मीर धधक उठेगा...कुल मिलाकर जम्मू कश्मीर कुछ घटनाओं को छोड़ कर शांतिपूर्ण है। जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुंछ जिलों में इस साल जून से घुसपैठ की कोशिशों में वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप अलग-अलग मुठभेड़ में नौ आतंकवादी मारे गए।
सिंह ने कहा कि यह सच है कि हमारी शत्रु ताकतें बेचैन हैं। मैं यकीन के साथ कह सकता हूं कि कश्मीर घाटी में आतंकवादियों के हौसले पस्त हो गए हैं। भारतीय थल सेना जम्मू कश्मीर के सीमावर्ती जिलों- पुंछ और राजौरी में छिपे आतंकवादियों का पता लगाने के लिए 11 अक्टूबर से व्यापक तलाश अभियान चला रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान काफी कोशिश करने के बावजूद भी कश्मीर मुद्दे पर कोई समर्थन हासिल नहीं कर पाया। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख को नए सिरे से गढ़ा और परिभाषित किया है। याद करिए कि पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान आतंकवादियों के खिलाफ किस तरह का नरम रवैया रखा गया था।
उन्होंने कहा कि यदि आतंकवादी हमले की घटनाएं होती थीं तब पाकिस्तान के खिलाफ मैच खेलने या नहीं खेलने की बात हुआ करती थी। मंत्री ने कहा कि स्थिति अब बदल गई है। हमारी सरकार ने दो टूक कह दिया है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं चल सकती। पिछले कुछ वर्षों से हमने पाकिस्तान के साथ वार्ता करना बंद कर दिया है।
उन्होंने कहा कि अब हम (क्रिकेट) मैच खेलने या नहीं खेलने के बारे में बात नहीं करते। इसके बजाय हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी- 'सीमा के इस ओर भी और जरूरत पड़ने पर सीमा के उस ओर भी।