पिछले कुछ वक्त से सिंगापुर के अस्पताल के आईसीयू में एकाकी जीवन जी रहे अमर सिंह को शायद यह अहसास हो गया था कि इस दुनिया में कोई ‘अमर’ नहीं होता है।
पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का निधन हो गया है। वो पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनका सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। कुछ दिनों पहले ही उनका किडनी ट्रांसप्लांट किया गया था। शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया।
एक हाई प्रोफाइल नेता के तौर पर जाने जाने वाले अमर सिंह का राजनीतिक सफर बेहद उथल-पुथल रहा। अमिताभ बच्चने से लेकर अंबानी परिवार तक के साथ उनके रिश्ते रहे। दोनों ही परिवार के साथ नजदीकियां और फिर उनसे दूरी को लेकर वे एक दौर में काफी चर्चा में रहे। अपने समकालीन आजम खान के साथ तो उनकी ‘अदावत’ बेहद ही मशहूर रही है। वहीं खूबसूरत अभिनेत्री जया प्रदा के पॉलिटिकल कॅरियर को पुश करने के साथ ही उनका नाम जया से जोड़ने को लेकर भी मीडिया में बहुत सुर्खियां रहीं।
दोनों के नाम मीडिया में एक साथ आने पर एक बार जया प्रदा ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा था,
‘अमर सिंह जी हमेशा मेरे साथ खड़े रहे, मेरा समर्थन किया। आप उनके बारे में क्या सोचते हैं? गॉडफादर या फिर कोई और? अगर मैं उन्हें राखी भी बांध दूं तब क्या लोग बातें करना बंद कर देंगे? लोग क्या कहते हैं मुझे परवाह नहीं, पुरूष प्रधान इस सिस्टम में किसी महिला के लिए नेता बनना असल चुनौती है’
दोनों के समाजवादी पार्टी में एक साथ होने के कारण उनके संबंधों को लेकर भी काफी चर्चा रही। अमर सिंह, जया प्रदा और आजम खान की राजनीतिक त्रयी भी बेहद दिलचस्प रही है।
2010 में जया प्रदा और अमर सिंह को समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया था। इसके बाद वे अमर सिंह ही थे जिसने जया प्रदा को साल 2019 में भाजपा ज्वॉइन करवाई। जया प्रदा के भाजपा ज्वाइनिंग से लेकर उनके रामपुर से चुनाव लड़ने तक की पूरी रणनीति अमर सिंह की थी। साल 2004 में तेलुगु देशम पार्टी का साथ छोड़कर जया प्रदा ने समाजवादी पार्टी में शामिल होकर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी।
लेकिन एक वक्त के बाद अमर सिंह ने जया को भाजपा में शामिल कराने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। आजम खान से अपना ‘सियासी बदला’ चुकाने के लिए अमर सिंह मौका ढूढ़ रहे थे और वो मौका उन्हें जया प्रदा के रूप में मिला। वे जया को फिर उसी रामपुर में लेकर आए, जहां 9 साल पहले उन्होंने एक लड़ाई लड़ी थी। उस वक्त जया प्रदा किसी भी जगह से चुनाव लड़ सकती थीं, लेकिन रामपुर को ही खासतौर पर चुना गया। उन्हीं की वजह साल 2019 में जया प्रदा और आजम खान आमने-सामने आए।
ठीक इसी तरह बच्चन फैमिली से अमर सिंह की करीबी और फिर दूरी की कहानी भी बहुत अप-डाउन्स लिए है। जया बच्चन को राजनीति में लाने और उन्हें राज्यसभा सांसद बनाने का श्रेय भी अमर सिंह को ही जाता है। किसी जमाने में अमर सिंह और अमिताभ बच्चन का परिवार इतना करीब था कि उन्हें दो नहीं एक ही कहा जाता था।
लेकिन बाद में तल्खियां इस कदर बढी कि अमर सिंह कई बार बच्चन फैमिली पर तंज किए। उन्होंने अमिताभ से लेकर जया बच्चन तक दोनों को क्या क्या नहीं कहा। एक बार जया के एक भाषण के बाद उन्होंने कहा था,
जया अपने पति को जुम्मा चुम्मा करने से क्यों नहीं रोकती हैं
अमर सिंह ने कहा एश्वर्या राय और अभिषेक बच्चन पर भी हमले किए थे। एक बार उन्होंने जया को जवाब देते हुए कहा था,
आप अपनी पुत्रवधू को क्यों नहीं कहतीं कि ‘ऐ दिल है मुश्किल’ फिल्म में जो परिदृ्श्य उन्होंने किए हैं वो न करें। आप अपने बेटे अभिषेक को क्यों नहीं कहतीं कि यश चोपड़ा की धूम में हीरोइन लगभग नग्न हो जाती है। उन दृश्यों को देखकर युवाओं के मानस पटल पर क्या अच्छा प्रभाव पड़ेगा?
दोनों परिवार में इतनी करीबी और फिर ऐसे अमर सिंह के ऐसे विवादित टिप्पणियों से मीडिया का बाजार पूरी तरह से गर्म रहा। हालांकि कुछ महीनों पहले अमर सिंह ने एक भावुक वीडियो जारी करते हुए अमिताभ बच्चन के परिवार से पुराने बयानों के लिए माफी मांगी थी। यह वीडियो काफी चर्चा में रहा था।
उन्होंने ट्वीट कर के बच्चन परिवार से कहा था,
Today is my father’s death anniversary & I got a message for the same from @SrBachchan ji. At this stage of life when I am fighting a battle of life & death I regret for my over reaction against Amit ji & family. God bless them all.
— Amar Singh (@AmarSinghTweets) February 18, 2020
पिछले कुछ वक्त से सिंगापुर के अस्पताल के आईसीयू में एकाकी जीवन जी रहे अमर सिंह को शायद यह अहसास हो गया था कि इस जिंदगी में कोई ‘अमर’ नहीं होता है।