Amazon के भारत में निवेश पर पीयूष गोयल बोले, कोई एहसान नहीं कर रही...

Webdunia
गुरुवार, 16 जनवरी 2020 (22:24 IST)
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि अमेजन भारत में निवेश कर कोई उसका एहसान नहीं कर रही। अमेजन डॉट कॉम ने लघु एवं मझोले उद्यमों को ऑनलाइन मदद के लिए एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा की है।

गोयल ने यह सवाल भी उठाया कि ऑनलाइन कारोबार मंच उपलब्ध कराने वाली कंपनी अगर दूसरों का बाजार बिगाड़ने वाली मूल्य नीति पर नहीं चल रही है तो उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है। दुनिया के सबसे बड़े धनाढ्य व्यक्ति जेफ बेजोस के भारत में एक अरब डॉलर के निवेश की घोषणा के एक दिन बाद गोयल ने यह बात कही है।

उन्होंने कहा कि ई-वाणिज्य कंपनियों को भारतीय नियमों का अक्षरश: अनुपालन करना होगा। उन्हें कानून में छिद्र ढूंढकर पिछले दरवाजे से भारतीय बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।

बेजोस भारत में आए हुए हैं। वाणिज्य मंत्री ने बेजोस को मिलने का समय नहीं दिया है। भारत बहु-ब्रांड खुदरा क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को 49 प्रतिशत से अधिक निवेश की अनुमति नहीं देता। सरकार ने इस क्षेत्र में अभी किसी भी विदेशी खुदरा कंपनी को कारोबार की अनुमति नहीं दी है।

दिल्ली में चल रहे वैश्विक संवाद सम्मेलन 'रायसीना डायलॉग में उन्होंने तल्ख अंदाज में कहा कि अमेजन एक अरब डॉलर निवेश कर सकती है लेकिन अगर उन्हें अरब डॉलर का नुकसान हो रहा है, तो वे उस अरब डॉलर का इंतजाम भी कर रहे होंगे। इसीलिए ऐसा नहीं हे कि वे एक अरब डॉलर का निवेश कर भारत पर कोई एहसान कर रहे हैं।

गोयल ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आखिर ई-वाणिज्य कंपनियां जो खरीदारों और विक्रेताओं को आईटी मंच उपलब्ध करा रही हैं, उन्हें बड़ा नुकसान कैसे हो सकता है? उन्होंने कहा कि इस पर गौर करने की जरूरत है।

गोयल ने कहा कि वे पिछले कुछ साल गोदामों और अन्य गतिविधियों में पैसा लगा रहे हैं। यह स्वागतयोग्य और अच्छा है। लेकिन (सवाल है) क्या वे घाटे के वित्त पोषण के लिए धन लगा रहे हैं और वह नुकसान ई-वाणिज्य मार्केट प्लेस मॉडल को हो रहा है?'

उन्होंने कहा कि एक निष्पक्ष बाजार मॉडल में कारोबार 10 अरब डॉलर का है और अगर कंपनी को अरबों डॉलर का नुकसान हो रहा है, निश्चित रूप से यह सवाल पैदा करता है कि नुकसान कहां से आता है। गोयल ने यह भी कहा कि जब ऑनलाइन कंपनी अगर बाजार खराब करने वाले कीमत पर सामान उपलब्ध नहीं करा रही है, तब उसे इतना बड़ा घाटा कैसे हो सकता है।

गोयल ने कहा कि कि ये सवाल हैं जिनके उत्तर की जरूरत है। मुझे भरोसा है कि जो प्राधिकरण इसे देख रहा है, वे उसका जवाब लेंगे और मुझे विश्वास है कि ई-वाणिज्य कंपनियों भी अपना पक्ष रखेंगी।

उल्लेखनीय है कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने हाल ही में ई-वाणिज्य कंपनियों फ्लिपकार्ट और अमेजन के खिलाफ जांच के आदेश दिए। यह आदेश बड़ी छूट समेत तरजीही विक्रेताओं के साथ गठजोड़ समेत गड़बड़ियों की जांच के लिए दिया गया।

गोयल ने कहा कि भारत ई-वाणिज्य बाजार में विदेशी निवेश की अनुमति देता है। इस मॉडल में खरीदार और विक्रेता व्यापार करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन ये ई-वाणिज्य कंपनियां अपना माल भंडार नहीं रख सकती है या वे कीमतें तय नहीं कर सकतीं। गोयल ने कहा कि मुझे लगता है कि जबतक इन नियमों का अनुपालन होता है, हम भारत में ई-वाणिज्य कंपनियों का स्वागत करते हैं। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख