Amit Shah asked 10 questions to Congress on alliance with NC in Jammu Kashmir : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन होने पर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी पर हमला किया और उससे यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह अनुच्छेद 370 बहाल करने के अब्दुल्ला परिवार के चुनावी वादे का समर्थन करती है।
शाह ने एक्स पर एक लंबे पोस्ट में आरोप लगाया, सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में अब्दुल्ला परिवार की नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रखा है। शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के चुनावी घोषणा पत्र में किए गए वादों का उल्लेख करते हुए कांग्रेस और राहुल गांधी से 10 प्रश्न पूछे।
क्या कांग्रेस अलग झंडे का समर्थन करती है : उन्होंने पूछा, क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है? क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय का समर्थन करती है?
नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और पूर्ववर्ती राज्य को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने यह सवाल भी किया कि क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
नेकां का कांग्रेस के साथ गठबंधन : नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को ऐलान किया कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सभी 90 सीट पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को अंतिम रूप दे दिया गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा अब्दुल्ला के आवास पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व के साथ बैठक किए जाने के बाद यह घोषणा की गई है।
क्या कांग्रेस आतंकवाद और दहशतगर्दी का समर्थन करती है : शाह ने पाकिस्तान के साथ व्यापार शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के निर्णय पर भी कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को लाने का समर्थन करती है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इस गठबंधन से कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा भी सामने आया है, क्योंकि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त करने का वादा किया है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत तख़्त-ए-सुलिमान और हरि पर्वत कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाएं?
विभाजनकारी सोच और नीतियों पर रुख स्पष्ट करें : शाह ने यह सवाल भी किया कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंककर पाकिस्तान समर्थित गिने-चुने परिवारों के हाथों में सौंपने का समर्थन करती है? उन्होंने कहा, क्या कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्ंफ्रेस के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है। शाह ने कश्मीर को स्वायत्तता देने की नेशनल कॉन्फ्रेंस की विभाजनकारी सोच और नीतियों पर भी कांग्रेस से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को जारी अपने घोषणा पत्र में 12 गारंटी की घोषणा की, जिनमें अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के साथ-साथ 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का कार्यान्वयन शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरण के तहत चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होगा। नतीजे चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour