अमृतसर हादसा : पांच सेकंड में मातम में बदल गई त्योहार की खुशियां, गई 58 लोगों की जान

Webdunia
शुक्रवार, 19 अक्टूबर 2018 (23:54 IST)
पंजाब में खुशियों के त्योहार विजयदशमी पर उस समय मातम पसर गया जब यहां हुए एक हृदय विरादक हादसे में रेलगाड़ी की चपेट में आने से कम से 58 लोगों की मौत हो गई तथा लगभग इतने घायल हो गए। 
 
हादसा जोड़ा फाटक के निकट हुआ जब रेल लाइन के निकट विजयदशमी पर्व पर रावण का पुतला जलाया जा रहा है। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे और लोग इस दृश्य को देख रहे थे। वे सभी इस बात से बिलकुल बेखबर थे कि कुछ पल में ही उनका हर्षोल्लास मातम में बदल जाएगा। तभी वहां जालंधर से अमृतसर जा रही डीएमयू रेलगाड़ी तेज गति से गुजरी और उसने पटरी पर खड़े होकर दशहरा पर्व का नजारा देख रहे लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।

इन लोगों को पटाखों की आवाज में रेलगाड़ी के आने का अहसास तक नहीं हुआ। इस दौरान अनेक लोग रावण का पुतला दहन होने का दृश्य अपने मोबाइल कैमरों में कैद करने में मशगूल थे और अचानक रेलगाड़ी ने इन्हें लील लिया।
 
घटनास्थल का मंजर यह था कि मात्र पांच सेकंड के समय में वहां अनेक लोग रेलगाड़ी के नीचे कट गए और अनेक घायल हो गए। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। कम से कम 58 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। अनेक लोग घायल हो गए। जगह-जगह मानव अंग बिखर गये जमीन खून से सन गई। घटनास्थल पर हताहतों और परिजनों की चीत्कार सुन कर वहां यह दृश्य देखने वाले हर किसी का दिल दहल गया। मृतकों में ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार के बताए जाते हैं। 
 
बताया जाता है कि विजयदशमी पर्व पर वहां लोगों को रेल पटरी से हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन और रेलवे की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी। यह भी बताया जाता है कि इस समारोह के लिये कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
 
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पुतला दहन कार्यक्रम सायं 6 बजे निर्धारित था लेकिन समारोह की मुख्यातिथि और राज्य के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू देर से वहां पहुंची और इस वजह से पुतला दहन कार्यक्रम में भी विलम्ब हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि अगर कौर समय से समारोह में पहुंच जाती तो पुतला दहन कार्यक्रम समय से सम्पन्न हो जाता और यह हादसा होने से बच जाता।

 
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जब यह हादसा हुआ तो श्रीमती कौर वहीं मौजूद थीं। लेकिन लोगों के कोपभाजन के डर से वह अपनी कार में बैठ कर आनन फानन में वहां से रफूचक्कर हो गईं। उधर श्रीमती कौर ने जो बयान बाद में मीडिया को दिया उसमें कहा कि वह मौके से भागी नहीं। हादसा उनके जाने के 15 मिनट के बाद हुआ और जैसे ही उन्हें इसकी सूचना मिली वह हताहतों के राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं। उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे पर जो लोग राजनीति कर रहे हैं वह बेहद शर्मनाक है। यह समारोह यहां पहली बार नहीं बल्कि हर वर्ष मनाया जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

संजय राउत गुस्से में, उठाए चुनाव परिणाम पर सवाल, जनता के बारे में कही ये बात

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

'गौतम सर ने कहा था कि तेज गेंदों का ऐसे सामना करो जैसे देश के लिए गोली खानी हो': नीतिश रेड्डी

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

कांग्रेस मुख्यालय : वरिष्ठ नेताओं के कमरे वीरान, झारखंड की खुशी भी फीकी पड़ी

By election results 2024: यूपी उपचुनाव में भाजपा को भारी बढ़त, बंगाल में TMC का जलवा

कैलाश विजयवर्गीय बोले- देवेंद्र फडणवीस बनें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री

LIVE: झारखंड में रुझानों में हेमंत सोरेन की सरकार, JMM गठबंधन को कितनी सीटें

LIVE: महाराष्‍ट्र में रुझानों में महायुति की सरकार, महागठबंधन का हाल बेहाल

अगला लेख