कौन था आनंदपाल सिंह?

Webdunia
गुरुवार, 13 जुलाई 2017 (17:37 IST)
राजस्थान का कुख्‍यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह 24 जून, 2017 को पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारा गया। करीब एक दशक तक खौफ का पर्याय रहा आनंद नागौर जिले की लाडनूं तहसील के गांव सांवराद का रहने वाला था। 2006 में अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला आनंदपाल देखते ही देखते प्रदेश का बड़ा गैंगस्टर बन गया। राजस्थान के अलावा मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश पुलिस को भी उसकी तलाश थी। उस पर खतरनाक हथियार रखने के साथ ही लूट, डकैती और हत्या के दर्जनभर से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आनंद की मौत के बाद हुई हिंसा में दर्जनों लोग घायल हो गए, जबकि एक व्यक्ति की मौत हो गई। 
 
अपराध की दुनिया में शुरुआत : आनंदपाल अपराध की दुनिया में बलबीर के गैंग की वजह से आया। 1997 में  तब बलबीर बानूड़ा और राजू ठेहट नामक दो अपराधी दोस्त हुआ करते थे। दोनों ही शराब के धंधे से जुड़े हुए थे, 2005 में हुई विजयपाल की हत्या के बाद दोनों दोस्त दुश्मन बन गए। दरअसल, ठेके पर बैठने वाले सेल्समैन विजयपाल की राजू से किसी बात पर कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि राजू ने अपने साथियों के साथ मिलकर विजयपाल की हत्या कर दी। विजयपाल रिश्ते में बलबीर का साला लगता था। इस घटना के बाद बलबीर ने राजू के गैंग से निकलकर अपना गिरोह बना लिया। कुछ समय बाद बलबीर की गैंग में आनंदपाल भी शामिल हो गया। 
 
आनंद के अपराधों की गूंज विधानसभा में भी : आनंदपाल ने 2006 में ही राजस्थान के डीडवाना में जीवनराम गोदारा की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी। गोदारा की हत्या के अलावा आनंदपाल के नाम डीडवाना में ही 13 मामले दर्ज हैं। सीकर जिले के गोपाल फोगावट हत्याकांड में भी आनंदपाल का ही हाथ माना जाता है। गोदारा और फोगावट की हत्या का मामला राजस्थान विधानसभा में भी गूंजता रहा है। 
 
जेल में शाही जीवन : कहा जाता है कि आनंदपाल जेल में शाही जीवन जीता था। अजमेर जेल में उसकी एक महिला सहयोगी अनुराधा भी उससे मिलने आती थी। बताया जाता है कि आनंदपाल के खाते में हर महीने 20 हजार रुपए का दूध-छाछ जेल में पहुंचाया जाता था। वह जेल के भीतर स्मार्ट फोन इस्तेमाल करता था। फेसबुक पर भी उसके कई फॉलोअर हैं। 2015 में जब आनंदपाल जेल में बंद था, तब पेशी के दौरान पुलिसकर्मियों को नशीली मिठाई खिलाकर वह फरार हो गया था। 
 
दाऊद बनना चाहता था : बुलेट प्रूफ जैकेट पहनने शौकीन आनंदपाल दाऊद से बहुत प्रभावित था। उसी की तरह वह अपना साम्राज्य बनाना चाहता था। कहा जाता है कि वह दाऊद पर लिखी किताबें पढ़ता है। दाऊद की तरह उसे पार्टियां भी बहुत पसंद थीं। वह दाऊद की तरह ही गॉगल भी पहनता था। आनंदपाल की कमाई का जरिया भी फिरौती और तस्करी था।
दो समाज भी आमने-सामने : आनंदपाल की मौत के राजस्थान के प्रभावशाली समझे जाने वाले राजपूत और जाट समुदायों की प्रतिद्वंद्विता भी खुलकर सामने आ गई है। सोशल मीडिया पर दोनों ही समुदाय के लोग एक-दूसरे को कोस रहे हैं। राजू ठेहट गैंग और आनंदपाल गैंग की दुश्मनी थी। राजू गैंग को जहां जाटों का समर्थक माना जाता है, वहीं आनंदपाल राजपूतों के करीब था। आश्चर्य की बात यह है कि एक कुख्यात अपराधी के लिए समाज के लाखों लोग एकजुट हो गए। इतना शायद किसी अच्छे काम के लिए नहीं होते।
Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

LG ने की आतिशी की तारीफ, कहा- केजरीवाल से 1000 गुना बेहतर हैं दिल्ली CM

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

Wayanad bypolls: मतगणना के दौरान प्रियंका गांधी पर होंगी सभी की निगाहें, व्यापक तैयारियां

Manipur: मणिपुर में जातीय हिंसा में 258 लोग मारे गए, 32 लोग गिरफ्तार

LIVE: नतीजों से पहले कांग्रेस ने महाराष्ट्र और झारखंड के लिए की पर्यवेक्षकों की नियुक्ति

अगला लेख