नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भ्रष्टाचार के नए रिकॉर्ड बनाने में अरविंद केजरीवाल नंबर वन हैं। मनीष सिसोदिया का नया नाम अब है, MONEY SHH। घोटाले करो और उटले पांव वापस जाओ। ठाकुर ने कहा कि आप की सरकार रेवड़ी की सरकार और बेवड़ी सरकार है।
उन्होंने सवाल किया कि शराब माफियाओं को बगैर कैबिनेट की अनुमति के 144 करोड़ रुपए क्यों वापिस किए गए? इसमें क्या अरविंद केजरीवाल की सहमति थी, या मनीष सिसोदिया के कहने पर ये किया गया। शराब के व्यापारियों के प्रति ये इतने नरम दिल क्यों हैं?
उन्होंने पूछा कि मनीष सिसोदिया जी ये बताएं कि मैन्यूफेक्चरिंग कंपनियों को रिटेल में ठेके की अनुमति नहीं होती, तो आपने क्यों दी? अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ये भी बताएं कि ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को आपने शराब बेचने का ठेका दिया या नहीं? आप की सरकार रेवड़ी की सरकार और बेवड़ी सरकार है।
ठाकुर ने कहा, आम आदमी पार्टी ने शराब के ठेकों का कमीशन 2 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत क्यों किया? मनीष सिसोदिया जी बताएं कि इसमें जो आरोपी हैं, उनसे मनीष सिसोदिया के क्या रिश्ते हैं?
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता सच्चाई, जिम्मेदारी और सवालों से भागते हैं, अब ये जनता से भी दूर भागेंगे। आज जब मीडिया के मित्र इनसे सवाल पूछ रहे थे तो मनीष सिसोदिया उल्टे पांव भाग रहे थे। एक दिन जनता से बचकर भी अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को ऐसे ही भागना पड़ेगा।
आदेश गुप्ता ने कहा, दिल्ली में नई शराब पॉलिसी जब इन्होंने बनाई थी, तो उसका गुणगान करते हुए मनीष सिसोदिया और केजरीवाल जी थकते नहीं थे। 21 नवंबर को जब ये नई नीति लॉन्च की तो पत्रकारों द्वारा ये पूछने पर कि आप नई नीति क्यों ला रहे हो? तो मनीष सिसोदिया ने जवाब देते हुए कहा कि ये नीति दिल्ली में शराब के equal distribution के लिए काम करेगी।
दिल्ली भाजपा प्रमुख ने कहा कि मनीष सिसोदिया जवाब दें कि क्या उन्होंने शराब माफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए 21 ड्राई-डे की संख्या को घटाकर 3 किया? उन्होंने बीयर की इंपोर्ट ड्यूटी को गैरकानूनी तरीके से कम किया। दिल्ली में आवासीय परिसरों, स्कूलों के पास, मंदिरों के पास आपने शराब के ठेके खोलने की अनुमति दी।
मनोज तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार शराब माफियाओं के हित में काम करने के लिए प्रसिद्ध हो गई हैं। आम आदमी पार्टी के नेता कहते थे कि इससे 9,500 करोड़ रुपए का राजस्व आएगा, वो मात्र 1,400 करोड़ रुपए क्यों प्राप्त हुआ? दिल्ली में शराब की बिक्री तो बढ़ी है, लेकिन राजस्व कम हुआ है।