'आफस्पा' को समाप्त करने के खिलाफ की सिफारिश

Webdunia
सोमवार, 2 मार्च 2015 (21:59 IST)
नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) कानून को निरस्त करने के खिलाफ अनुशंसा की है। इसके आलोचक इसे बेहद कठोर कानून बताते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति को सौंपी गई एक रिपोर्ट में मंत्रालय ने कहा कि न्यायमूर्ति बीपी जीवन रेड्डी समिति की रिपोर्ट को खारिज कर दिया जाना चाहिए। बीपी जीवन रेड्डी समिति ने इसे ‘दमन का प्रतीक’ बताते हुए इस कानून को निरस्त करने की सिफारिश की थी।
  
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने न्यायमूर्ति जीवन रेड्डी समिति की रिपोर्ट को खारिज करने की केंद्रीय मंत्रिमंडल को अनुशंसा की है।’ रक्षा मंत्रालय भी अधिनियम को हल्का किए जाने के किसी भी कदम के खिलाफ है और उसने कहा कि उग्रवाद उन्मुख क्षेत्रों में काम कर रहे बल 'आफस्पा' के जरिए प्रताड़ना से बचे हुए हैं।
 
समिति का गठन 2004 में असम राइफल्स की हिरासत में मणिपुर में थांगजम मनोरमा नाम की एक महिला की हत्या के बाद हुए जबरदस्‍त आंदोलन के मद्देनजर किया गया था। उस दौरान इरोम शर्मिला ने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया था।
 
उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जीवन रेड्डी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने 6 जून 2005 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।
 
147 पन्नों की रिपोर्ट में सिफारिश की गई थी, ‘सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून, 1958 को निरस्त करना चाहिए।’ समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा था, ‘चाहे जिस भी कारण से यह अधिनियम दमन का प्रतीक, घृणा की वस्तु, भेदभाव और मनमानी करने का औजार बन गया है।’ 
 
समिति ने कहा था, ‘यह बेहद वांछनीय और उपयुक्त परामर्श देने योग्य है कि कानून को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए उस क्षेत्र (पूर्वोत्तर) की जनता का एक बहुत बड़ा वर्ग चाहता है कि सेना वहां बनी रहे (हालांकि कानून हटा लिया जाना चाहिए)।’ 
 
पूर्वोत्तर के विभिन्न संगठनों ने विवादास्पद कानून को ‘बेहद कठोर’ बताया है। मनोरमा की हत्या के बाद से शर्मिला अनिश्चितकालीन अनशन पर है और उनका यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि इस कानून को समाप्त नहीं कर दिया जाता। (भाषा)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?