नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि सभी भारतीयों का डीएनए एक है और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नहीं फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग मुसलमानों से देश छोड़ने को कहते हैं, वे खुद को हिन्दू नहीं कह सकते। भागवत के इस बयान पर अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है। ओवैसी ने कहा है कि देश में यह नफरत हिंदुत्व की देन है।
ओवैसी ने एक के बाद एक ट्वीट करके कहा कि आरएसएस के भागवत ने कहा लिंचिंग करने वाले हिन्दू विरोधी। इन अपराधियों को गाय और भैंस में फ़र्क़ नहीं पता होगा, लेकिन क़त्ल करने के लिए जुनैद, अखलाक़, पहलू, रकबर, अलीमुद्दीन के नाम ही काफी थे। ये नफरत हिन्दुत्व की देन है, इन मुजरिमों को हिंदुत्ववादी सरकार की पुश्त पनाही हासिल है।
बयान पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भागवत को नसीहत देते हुए कहा कि यह बात उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और बीजेपी के मुख्यमंत्रियों, बजरंद दल और वीएचपी, संघ प्रचारकों को भी समझाने की जरूरत है। उन्होंने सवाल किया कि क्या मोहन भागवत ये विचार उन सभी को भी देंगे।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत कह रहे हैं कि हिंदू और मुस्लिम अलग नहीं, सभी भारतीयों का डीएनए एक है। अगर मोहन भागवत इन विचारों का पालन अपने शिष्यों से कराएंगे तो वह भी उनके प्रशंसक बन जाएंगे। दिग्विजय सिंह ने तंज कसते हुए कहा कि संघ ने हिंदू-मुसलमान के बीच में इतनी नफ़रत भर दी है कि उसे दूर करना आसान नहीं है।