जब अटल जी बोले, दादा जीत की बधाई हो कुछ लड्डू-वड्डू तो खिलाओ...

अवनीश कुमार
लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16 अगस्त को निधन हो गया। 93 वर्ष की उम्र में उन्होंने एम्स में अपनी अंतिम सांस ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का उत्तर प्रदेश के लखनऊ से बेहद ही तगड़ा लगाओ था और ऐसा भी कहा जाता है कि अधिकतम सारे चुनाव अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ से ही लड़े थे।
 
भारतीय जनता पार्टी को ऊंचाइयों तक ले जाने में अटलजी का एक अहम योगदान था। वह इतने सरल स्वभाव के थे कि वह कभी भी अपने प्रतिद्वंदी को गलत निगाहों से ना देखते हुए सिर्फ दोस्त मानते थे।
 
इस का जीता जागता उदाहरण तब देखने को मिला था जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पहला चुनाव हार गए और चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के जीते हुए प्रत्याशी को बधाई देने पहुंच गए।
 
पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि यह बात 1957 की जब अटल बिहारी वाजपेयी जी लखनऊ से चुनाव लड़ रहे थे। उनके सामने कांग्रेस से पुलिन बिहारी बनर्जी ‘दादा’ खड़े थे। अटलजी ये चुनाव हार गए लेकिन फिर भी वे कुछ लोगों के साथ बनर्जी के घर पहुँच गए।
 
अटल को घर के सामने देख दादा के घर मौजूद लोग हैरान रह गए। अटल जी बोले दादा जीत की बधाई हो कुछ लड्डू-वड्डू तो खिलाओ। वहां खड़े सब लोग मुस्कुराने लगे। उसके बाद से अटल जी के सरल स्वभाव को देखकर विपक्ष के नेता भी उनका सम्मान करने में पीछे नहीं हटते थे।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख