कौन हैं शुभांशु शुक्ला, राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष जाने वाले दूसरे भारतीय, क्या है उनका लखनऊ कनेक्शन?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 25 जून 2025 (12:44 IST)
Axiom Mission 4 Shubhashu Shukla : स्पेसएक्स के ‘फाल्कन-9’ रॉकेट ने नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से दोपहर 12 बजकर एक मिनट पर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरी। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों ने ‘एक्सिओम-4’ मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के लिए उड़ान भर कर इतिहास रचा। मिशन के 28 घंटे की यात्रा के बाद भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम साढ़े चार बजे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने का अनुमान है। ALSO READ: अंतरिक्ष के लिए लांच हुआ Axiom 4 मिशन, शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद ISS की ओर रवाना होने वाले पहले भारतीय
 
कौन हैं शुभांशु शुक्ला : वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु उत्तर प्रदेश के लखनऊ के रहने वाले हैं। 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ में जन्में शुभांशु ने कारगिल युद्ध के बाद ही एनडीए में शामिल होने का मन बना लिया था। उन्हें 2006 में फाइटर पायलट के रूप में वायुसेना में शामिल हुए थे। शुभांशु फाइटर कॉम्बैट लीडर और एक टेस्ट पायलट हैं, जिनके पास लगभग 2 हजार घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने Su-30MKI, MIG-21, MIG-29, जगुआर, हॉक जैसे लड़ाकू विमान उड़ाए हैं। ALSO READ: अंतरिक्ष के लिए लांच हुआ Axiom 4 मिशन, शुभांशु शुक्ला 41 साल बाद ISS की ओर रवाना होने वाले पहले भारतीय
 
शुभांशु तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनकी शादी कामना शुभा शुक्ला से हुई हैं जो कि एक डेंटिस्ट हैं। वे आर्म्‍ड फोर्सेज में शामिल होने वाले अपने परिवार के पहले व्यक्ति हैं। 2024 में ही उन्हें वायुसेना ने ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नति दी थी।
 
साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से घोषणा किया था कि भारत के बेटे-बेटी बहुत जल्द अंतरिक्ष में जाएंगे। इसके बाद शुक्ला को साल 2019 में इसरो के अंतरिक्ष यात्री चयन प्रक्रिया में शामिल किया गया था। कई चरणों की जांच के बाद 2025 की शुरुआत में एक्स 4 मिशन के लिए उन्हें कैप्टन बनाया गया। 
 
1984 में अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे राकेश शर्मा : विंग कमांडर राकेश शर्मा 1984 में अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाले पहले भारतीय थे। वे सोयूज टी 11 में सवार होकर अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। उन्होंने 7 दिन 21 घंटे 40 मिनट अंतरिक्ष में बिताए थे। इस उपलब्धि के लिए भारत सरकार ने उन्हें 'अशोक चक्र' से सम्मानित किया। सोवियत सरकार ने भी उन्हें 'हीरो ऑफ सोवियत यूनियन' सम्मान से नवाजा था।
edited by : Nrapendra Gupta 
 

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