- गुवाहाटी से संजय वर्मा और दीपक असीम
गुवाहाटी। असम में ही क्यों देश में जितने भी बाहरी लोग गलत तरीके से घुसे हैं सब को गोली मार देना चाहिए। आसाम में यह जो एनआरसी चल रही है इससे मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं।
यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर पूरी पारदर्शिता के साथ चल रही है। मुझे एनआरसी के परिणामों से बहुत खुशी है। असम के कई लाख लोगों पर यह शंका थी के वे बांग्लादेश के नागरिक हैं। लेकिन एनआरसी ने यह शंका दूर कर दी है और उन्हें भारत की नागरिकता प्रदान कर दी है।
पहले माना जाता था कि असम में 80 लाख मुसलमान बांग्लादेश से आए हुए हैं और यहां अवैध तरीके से रह रहे हैं। यह सब वेबदुनिया के लिए कहा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने। वे धुबरी से लगातार तीसरी बार सांसद बने हैं।
इससे पहले वे एमएलए थे। वे असम का मुस्लिम चेहरा हैं। इन पर आरोप था कि इन्होंने लाखों बांग्लादेशी मुस्लिमों को फर्जी कागजात से भारत का नागरिक बना दिया है।
अजमल ने कहा कि एनआरसी में सारी जांचें सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार हुई हैं। भाजपा शुरू से कहती रही की आसाम में एक करोड़ बांग्लादेशी मुस्लिम है। अब वह नहीं है तो मैं क्या कर सकता हूं। यह जो जांच हुई है इसमें 96% अफसर आसाम के हिंदू अफसर थे। मुसलमानों की तो 4% भी भागीदारी प्रशासन में नहीं है।
असल बात यह है की एनआरसी का दाव भाजपा के लिए उल्टा पड़ गया है। अभी जो 19 लाख लोग भारत से बाहर के माने जा रहे हैं उनमें ग्यारह लाख हिंदू हैं। दो लाख बच्चे हैं और करीब छह लाख मुसलमान हैं। यह आंकड़ा कुछ दूसरे लोगों ने बताया है और सभी जगह यह बात चल रही है। एक अफवाह थी जो सच नहीं निकली इसका मैं जिम्मेदार नहीं हूं।