लखनऊ में बुलडोजर पर रोक, सरकार की आवास नीति पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी

कहा- किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराने में सरकार की विफलता

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
शुक्रवार, 1 मार्च 2024 (20:58 IST)
Supreme Court comment on government housing policy:  उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि शहरी आवास नीतियों में खामियों के कारण अवैध निर्माण में वृद्धि हुई है। कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण में वृद्धि का एक मुख्य कारण लोगों को किफायती दरों पर आवास उपलब्ध कराने में सरकार की ‘विफलता’ है।
 
न्यायालय ने यह स्वीकार किया कि आवास पाने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। इसके साथ ही उसने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की आवश्यकताओं और जमीनी स्तर पर सरकार के कदमों के बीच नीतियों में बहुत बड़ा अंतर है।
ALSO READ: पूर्व सांसद जया प्रदा फरार घोषित, गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश
बुलडोजर पर रोक : न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने ये टिप्पणियां लखनऊ के अकबर नगर में वाणिज्यिक और आवासीय इकाइयों को ढहाए जाने से संबंधित एक मामले की सुनवाई के दौरान की और इस मामले में न्यायालय ने इकाइयों को ढहाए जाने पर अंतरिम रोक लगा दी।
 
शहरीकरण नीतियों में खामियां : पीठ ने कहा कि आवास को लेकर रुख स्पष्ट रखना चाहिए। एक समस्या है। हमारी शहरीकरण नीतियों में खामियां हैं। वास्तव में, हमने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। कहीं न कहीं, हमें यह सुनिश्चित करना होगा... सभी जानते हैं कि पलायन शहरों की ओर होता है। लेकिन आवश्यकताओं और हम जमीनी स्तर पर क्या करने में सक्षम हैं, इन नीतियों के बीच बहुत बड़ा अंतर है।
ALSO READ: सुप्रीम कोर्ट ने 3 नए आपराधिक कानूनों को चुनौती देने वाली जनहित याचिका की खारिज
दिल्ली की अवैध कॉलोनियों पर भी टिप्पणी : पीठ ने कहा कि दिल्ली में इतनी सारी अनधिकृत कॉलोनियां क्यों हैं? क्योंकि डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) को यह भी नहीं पता कि 60-70 प्रतिशत जमीन कहां है। सभी का अधिग्रहण कर लिया गया है। उच्चतम न्यायालय लखनऊ के अकबर नगर में वाणिज्यिक इकाइयों को ढहाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था।
 
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एस मुरलीधर और शोएब आलम ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद 27 फरवरी को ढहाने का काम शुरू हुआ था। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक इकाइयों के साथ-साथ आवासीय मकानों को भी गिराया जा रहा है।
ALSO READ: झारखंड हाईकोर्ट से राहुल गांधी को झटका, 2018 में अमित शाह पर टिप्पणी का मामला
क्या कहा सॉलिसिटर जनरल ने : उत्तर प्रदेश सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने कहा कि नदी के किनारे सरकारी भूमि पर बने आवासीय मकानों को ढहाने से संबंधित मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष विचाराधीन है और फैसला सुरक्षित रखा गया है।
 
उन्होंने कहा कि बिना लाइसेंस या अनुमति लिए नदी किनारे सभी प्रकार के अवैध व्यावसायिक निर्माण किए गए। दलीलें सुनने के बाद, शीर्ष अदालत ने कहा कि फैसला सुनाए जाने तक, लखनऊ विकास प्राधिकरण/राज्य सरकार ढहाने की कार्रवाई नहीं करेगी। वे उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

राष्ट्रपति पुतिन पर भड़के जेलेंस्की, रूस को लेकर कह दी बड़ी बात, अब क्या होगा Putin का रुख

Salman Khurshid : कांग्रेस नेताओं के बर्ताव से क्यों दुखी हुए सलमान खुर्शीद, कह दी चुभने वाली बात

Coronavirus Alert : पश्चिम बंगाल में कोरोनावायरस की भयानक स्थिति, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- ‘अगली कोविड महामारी’ अभी खत्म नहीं हुई

Pakistan में आने वाली है प्रलयकारी मुसीबत, IRSA के डरावने आंकड़ों से आतंकिस्तान में मचा हाहाकार

एलन मस्क के पिता अयोध्या में रामलला के दर्शन करने क्यों आए, बोलेंगे जय श्रीराम

सभी देखें

नवीनतम

LIVE: देश में कोरोना के 3976 एक्टिव केसेस, अब तक 34 की मौत

मेघालय में लापता हुए इंदौर के पर्यटक का शव खाई में मिला, पत्नी की तलाश जारी

अगर चीन ब्रह्मपुत्र का पानी रोक दे तो क्या होगा? हिमंता बिसवा सरमा ने दिया जवाब

Weather Update : मुंबई में रूका मानसून, पूर्वोत्तर के 6 राज्य बाढ़ से बेहाल

​Waqf Umeed Portal : वक्फ संपत्तियों को लेकर सरकार का एक और बड़ा फैसला, 6 जून को लॉन्च करेगी पोर्टल 'उम्मीद', प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन होगा जरूरी

अगला लेख