मुंबई। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने मंगलवार को कहा कि वाणिज्यिक बैंकों को अपनी सम्पत्तियों और देनदारी का हिसाब-किताब स्पष्ट करने के लिए अगले साल मार्च तक का ही समय है, जो पहले से तय है।
उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है, जबकि आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने संकेत दिया है कि बैंकों के समय से वसूल नहीं हो रहे कर्जों (एनपीए) की समस्या से निपटने के मामले में व्यावहारिक रुख अपनाया जाएगा।
विश्वनाथन ने कहा कि बैलेंस शीट दुरस्त करने की, समय सीमा (मार्च 2017) अपनी जगह कायम है। (भाषा)