Bihar flood : नेपाल से नदियां छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। ज्यादातर स्थानों पर नदियों का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर है। कोसी, गंडक, बागमती, महानंदा और गंगा सहित राज्य की अधिकांश नदियों का जलस्तर विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है। जल संसाधन विभाग अलर्ट पर है और संवेदनशील स्थलों पर आवश्यकतानुसार बाढ़ सुरक्षा कार्य किए जा रहे हैं।
18 जिलों में 16.5 लाख प्रभावित : बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, गंडक, कोसी, बागमती, महानन्दा एवं अन्य नदियों में आयी बाढ़ के कारण 18 जिलों पूर्वी चंपारन, पश्चिमी चंपारन, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, गोपालगंज, सारण एवं खगड़िया में लगभग 16.5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
आपदा की स्थिति को देखते हुए भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से बीते तीन दिन में सीतामढ़ी एवं दरभंगा जिलों के प्रभावित इलाकों में राशन सामग्री पहुंचाई गई।
बिहार के बाढ़ प्रभावित जिलों से लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कुल 17 और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की कुल 19 टीमों को तैनात किया गया है। प्रभावित इलाकों में करीब 930 नावें संचालित की जा रही हैं।
गांधी घाट पर नीतीश : पटना के गांधी घाट पर गंगा का पानी खतरे के निशान से नीचे आ गया हालांकि पटना के हाथीदह घाट पर गंगा अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना के गांधी घाट पर गंगा के जलस्तर का निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंद किशोर यादव, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी और वरिष्ठ अधिकारी गांधी घाट पर मौजूद थे। कुछ दिनों पहले तक पर गंगा नदी में जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर था।
Edited by : Nrapendra Gupta