बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश देश के सबसे गरीब राज्य : नीति आयोग

Webdunia
शुक्रवार, 26 नवंबर 2021 (23:36 IST)
नई दिल्ली। नीति आयोग के बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के अनुसार बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश देश के सबसे गरीब राज्यों के रूप में सामने आए हैं। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मुख्य रूप से परिवार की आर्थिक हालात और अभाव की स्थिति को आंका जाता है।

सूचकांक के अनुसार, बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है। वहीं झारखंड में 42.16 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 37.79 प्रतिशत आबादी गरीबी में रह रही है। सूचकांक में मध्य प्रदेश (36.65 प्रतिशत) चौथे स्थान पर है, जबकि मेघालय (32.67 प्रतिशत) पांचवें स्थान पर है।

केरल (0.71 प्रतिशत), गोवा (3.76 प्रतिशत), सिक्किम (3.82 प्रतिशत), तमिलनाडु (4.89 प्रतिशत) और पंजाब (5.59 प्रतिशत) पूरे देश में सबसे कम गरीब लोग वाले राज्य हैं और सूचकांक में सबसे नीचे हैं। जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में, दादरा और नगर हवेली (27.36 प्रतिशत), जम्मू-कश्मीर, और लद्दाख (12.58), दमन एवं दीव (6.82 प्रतिशत) और चंडीगढ़ (5.97 प्रतिशत) देश के सबसे गरीब केंद्र शासित प्रदेश हैं।

पुडुचेरी की 1.72 प्रतिशत आबादी गरीब है। इसके अलावा लक्षद्वीप (1.82 प्रतिशत), अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (4.30 प्रतिशत) और दिल्ली (4.79 प्रतिशत) ने बेहतर प्रदर्शन किया है। बिहार में कुपोषित लोगों की संख्या सबसे अधिक है, जिसके बाद झारखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ का स्थान है।

मातृत्व स्वास्थ्य से वंचित आबादी का प्रतिशत, स्कूली शिक्षा से वंचित आबादी, स्कूल में उपस्थिति और खाना पकाने के ईंधन तथा बिजली से वंचित आबादी के प्रतिशत के मामले में भी बिहार का सबसे खराब स्थान है।

रिपोर्ट के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक ऑक्सफोर्ड पॉवर्टी एंड ह्यूमन डेवलपमेंट इनीशिएटिव (ओपीएचआई) और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा विकसित विश्व स्तर पर स्वीकृत और मजबूत पद्धति का उपयोग कर तैयार किया जाता है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक में मुख्य रूप से परिवार की आर्थिक हालात और अभाव की स्थिति को आंका जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है, भारत के एमपीआई में तीन समान आयामों- स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर का मूल्यांकन किया जाता है। इसका आकलन पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, प्रसव पूर्व देखभाल, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने के ईंधन, स्वच्छता, पीने के पानी, बिजली, आवास, संपत्ति तथा बैंक खाते जैसे 12 संकेतकों के जरिए किया जाता है।

वर्ष 2015 में 193 देशों द्वारा अपनाए गए सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) रूपरेखा ने दुनियाभर में विकास की प्रगति को मापने के लिए विकास नीतियों और सरकारी प्राथमिकताओं को फिर से परिभाषित किया है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने रिपोर्ट की प्रस्तावना में कहा, भारत के राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक का विकास एक सार्वजनिक नीति उपकरण स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।

यह बहुआयामी गरीबी की निगरानी करता है, साक्ष्य-आधारित और केंद्रित हस्तक्षेप के बारे में बताता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई भी पीछे न छूटे। कुमार ने लिखा है कि भारत के पहले राष्ट्रीय एमपीआई की यह आधारभूत रिपोर्ट राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) की 2015-16 की संदर्भ अवधि पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एमपीआई को 12 प्रमुख घटकों का उपयोग करके तैयार किया गया है जिसमें स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा और जीवन स्तर जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय ने वर्ष 2020 की शुरुआत में वैश्विक रैंकिंग में भारत की स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से निगरानी, विश्लेषण और मूल्यांकन के लिए 29 वैश्विक सूचकांकों की पहचान की।

सुधार और विकास के लिए वैश्विक सूचकांक (जीआईआरजी) प्रणाली के तहत नीति आयोग को बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है।(भाषा)
File photo

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

महाराष्‍ट्र की राजनीति में नई दुकान... प्रोप्रायटर्स हैं ठाकरे ब्रदर्स, हमारे यहां मराठी पर राजनीति की जाती है

उत्तराधिकारी की घोषणा टली, 90 साल के दलाई लामा बोले, मैं 30-40 साल और जीवित रहूंगा

20 साल बाद उद्धव-राज साथ, किसे नफा, किसे नुकसान, क्या महाराष्ट्र की राजनीति में लौट पाएगी 'ठाकरे' की धाक

तेजी से बढ़ता स्‍मार्ट और सबसे स्‍वच्‍छ इंदौर आखिर सड़क पर हुए भ्रष्‍टाचार के गड्ढों में क्‍यों गिर रहा है?

अमेरिका के खिलाफ भारत ने लिया बड़ा एक्शन, WTO में जवाबी टैरिफ का रखा प्रस्ताव

सभी देखें

नवीनतम

झांसी रेलवे स्टेशन पर दर्द से कराह रही थी महिला, सेना के डॉक्टर ने कराई डिलिवरी

बिहार में वोटिंग लिस्ट पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी EC के फैसले को चुनौती

रुपए पर क्यों लगी महात्मा गांधी की तस्वीर, इन नामों पर भी हुआ था विचार

गुजरात : AAP विधायक चैतर वसावा गिरफ्तार, इस मामले में हैं आरोपी

ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस को क्‍यों याद आया 2012 का शिखर सम्मेलन

अगला लेख