निमंत्रण पर नहीं फोन से आए उद्धव, अब दिया अल्टीमेटम

Webdunia
शनिवार, 1 नवंबर 2014 (09:32 IST)
मुंबई। काफी मान मनौव्वल के बाद आखिरकार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे देवेंद्र फड़नवीस के राजतिलक समारोह में शामिल हुए। बताया जाता है कि ऐनवक्त पर अमित शाह ने उन्हें फोन किया था। अब उन्होंने अल्टीमेटम दिया है कि विश्वास मत से पूर्व गठबंधन पर फैसला हो जाना चाहिए नहीं तो यह माना जाएगा की गठबंधन टूट गया। सूत्रों के अनुसार अरुण जेटली शिवसेना से बात कर रहे हैं। शिवसेना ने डिप्टी सीएम पद की मांग की है।
 
 
शिवसेना के व्यवहार से परेशान भाजपा नेतृत्व को उद्धव को बुलाने के लिए खासी मशक्त करनी पड़ी। बताया जा रहा है कि नाराज उद्धव को मनाने के लिए अमित शाह, अरुण जेटली और देवेंद्र फड़नवीस को उन्हें फोन करना पड़ा, जिसके बाद ही उद्धव और उनकी पार्टी के नेता शपथग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजी हुए।
 
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर भाजपा की ओर से ‘निरंतर अपमानित’ किए जाने की बात कहकर कभी अपनी सहयोगी रही इस भगवा पार्टी से नाराज चले रहे शिवसेना प्रमुख द्वारा शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने की घोषणा के दूसरे दिन शाह ने उन्हें फोन किया था। 
 
बताया जाता है कि फड़णवीस ने भी उद्धव को फोन करके शपथ ग्रहण समारोह में आने का आग्रह किया। शिवसेना के सांसद विनायक राउत ने बताया कि शाह के फोन के बाद उद्धव ठाकरे शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित होंगे।
 
शीतयुद्ध जारी : हालांकि उनकी पार्टी देवेंद्र फड़नवीस की सरकार को समर्थन देगी या नहीं इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। अधिकतर लोगों का मानना है कि शिवसेना और भाजपा के गठबंधन के बीच सबसे बड़ा रोड़ा शिवसेना का मुखपत्र सामना है जिसमें हर दिन भाजपा के खिलाफ संपादकीय लिखा जाता है, लेकिन कभी कभी मोदी की तारीफ किए जाने से भ्रम की स्थिति उत्पन्न भी होती है। जबकि दूसरी ओर शिवसेना का कहना है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लगातार उनको झुकाने का प्रयास कर उनका अपमान कर रहे हैं। हालांकि गठबंधन को लेकर भाजपा और शिवसेना में बातचीत जारी होने की बात भी कही जा रही है।
 
इस बीच शिव सेना के वरिष्ठ नेता मनोहर जोशी ने कहा है कि भाजपा से गठबंधन नहीं करके शिवसेना बहुत बड़ी भूल कर रही है।
 
शिव सेना का अल्टीमेटम : महाराष्ट्र में भाजपा सरकार को समर्थन देने और सरकार में शामिल होने पर जारी तमाम सियासी सस्पेंस के बीच शिवसेना ने कहा कि विश्‍वास मत के पहले गठबंधन पर फैसला हो जाना चाहिए। अन्यथा यह माना जाएगा कि भाजपा हमसे मिलना नहीं चाहती।
 
सूत्रों की माने तो भाजपा नेतृत्व, शिवसेना की ओर से नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ दिए गए तीखे बयानों से नाखुश है।
 
दरअसल, चुनाव प्रचार के दौरान उद्धव ठाकरे ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह की तुलना अफजल खान से की थी। जबकि, भाजपा के प्रचारकों की तुलना अफजल खान की सेना से की थी। इसके साथ ही भाजपा नेतृत्व सामना में उद्धव ठाकरे के छपे उस लेख से भी खफा है, जिसमें नरेंद्र मोदी के पिता पर टिप्पणी की गई थी। (एजेंसी)
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