संभल के जरिए भाजपा का दांव, श्रीराम के बाद कल्कि अवतार के सहारे हिंदुत्व की राजनीति

यूपी विधानसभा चुनाव 2027 में कल्कि अवतार मंदिर से सियासी गर्मी बढ़ना तय

संदीपसिंह सिसोदिया
Sambhal Politics of BJP:  उत्तर प्रदेश का संभल, जो भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के भावी जन्मस्थान के रूप में पौराणिक मान्यता रखता है। हाल ही में भाजपा और हिन्दूवादी संगठनों की राजनीतिक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। भाजपा इस क्षेत्र को न केवल धार्मिक महत्व से जोड़ रही है, बल्कि इसे आगामी 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए एक महत्वपूर्ण सियासी रणनीति के रूप में भी देख रही है।
 
संभल का राजनीतिक महत्व : संभल, पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एक ऐसा क्षेत्र है, जहां समाजवादी पार्टी का वर्चस्व ज्यादा रहा है। हालांकि 2014 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा के सत्यपाल सिंह सैनी चुनाव जीत चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव को छोड़ दें तो 1998 से यहां समाजवादी पार्ट का ही कब्जा है। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने यहां से 1998 में पहली बार जीत हासिल की थी। 2004 में यहां से सपा के रामगोपाल यादव सपा का परचम लहरा चुके हैं।

2022 विधानसभा चुनाव में सपा ने संभल लोकसभा के अंतर्गत आने वाले 5 में से 4 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की थी। एकमात्र चंदौसी (एससी-आरक्षित) सीट पर भाजपा की गुलाबो देवी ने जीत हासिल की थी। गुलाबो देवी को मंत्री पद देकर भाजपा ने इस क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया। हालांकि हाल ही में हुए उपचुनाव में भाजपा ने कुंदरकी सीट सपा से छीन ली। भाजपा ने 31 साल बाद इस सीट पर कब्जा जमाया है। ALSO READ: संभल के चंदौसी में मिली 150 साल पुरानी बावड़ी, खुदाई में मिले 4 कमरे
 
भाजपा वेस्ट यूपी में अपनी पकड़ बनाने के लिए यहां धार्मिक महत्व के साथ राजनीतिक रणनीति को जोड़ते हुए इसे 2027 के विधानसभा चुनाव के अपने एजेंडे में शामिल किया है। मुस्लिम बहुल कुंदरकी सीट पर हुए उपचुनाव में मिली जीत से भाजपा के हौसले बुलंद हैं। यूपी में 9 विधानसभा सीटों के लिए हाल ही में हुए उपचुनावों के बाद से भाजपा को नई ऊर्जा मिली है, जहां पार्टी ने प्रभावशाली जीत दर्ज की है, खासकर मुस्लिम बहुल सीट कुंदरकी में। कुंदरकी संभल के पास है और संभल में मस्जिद हिंसा के एक दिन बाद उपचुनाव हुआ था।
 
संभल में मंदिर-मस्जिद विवाद चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में, एक प्राचीन मस्जिद का सर्वेक्षण और उससे जुड़े विवाद ने स्थानीय राजनीति को गर्मा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मस्जिद के सर्वेक्षण का बचाव करते हुए कहा कि बाबरनामा में यहां एक मंदिर होने का जिक्र है। उन्होंने संभल के 'कल्कि संबंध’ पर भी जोर दिया और इसे पौराणिक महत्व के आधार पर भाजपा के एजेंडे में शामिल किया। ALSO READ: ASI ने किया संभल के कल्कि विष्णु मंदिर में सर्वेक्षण, 3 खंडित मूर्तियां मिलीं
 
भाजपा ने संभल में भगवान विष्णु के 10वें अवतार कल्कि का भव्य मंदिर बनाने की पहल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 19 फरवरी को मंदिर की आधारशिला रखी। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि भगवान राम की तरह, कल्कि का प्रभाव भी हजारों सालों तक महसूस किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान भाजपा की हिंदुत्व आधारित रणनीति को दर्शाते हैं, जो अयोध्या, मथुरा और काशी जैसे धार्मिक स्थलों की तरह संभल को भी भाजपा एक प्रमुख धार्मिक केंद्र बनाकर धार्मिक स्थलों और हिंदू आस्था के जरिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भाजपा अपनी राजनीतिक जड़ें मजबूत करने की कोशिश कर रही है। 
 
संभल बनेगा भाजपा की राजनीतिक रणनीति का केंद्र : भाजपा संभल को धार्मिक स्थलों की अपनी श्रेणी में शामिल कर, 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी है। पार्टी के सूत्रों के अनुसार, संभल को अयोध्या, मथुरा और काशी के समान दर्जा देकर हिंदू वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश की जा रही है।
 
इसके साथ ही, हाल ही में संभल के आसपास समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के प्रभाव को कमजोर करने के लिए कई अभियानों को अंजाम दिया गया है। इनमें बिजली चोरी विरोधी अभियान और विरोध प्रदर्शन के दौरान की गई कार्रवाई शामिल है।
 
किसने क्या कहा : संभल और आसपास के क्षेत्रों में इस समय एक तंज सुनाई दे रहा है कि जहां भी खुदा है वहीं पर भगवान निकल रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फिरोजाबाद दौरे के दौरान भाजपा पर जमकर निशाना साधा। संभल में खुदाई के दौरान मिले मंदिर के मामले पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अगर बीजेपी नेताओं के घर खोदे जाएं तो पता नहीं वहां से भी क्या-क्या निकलेगा? अखिलेश ने तो यह भी कहा कि ऐसे ही खोदते रहेंगे तो एक दिन अपनी ही सरकार खोद लेंगे। 
 
भाजपा के एक नेता के अनुसार यदि भाजपा का अभियान सफल रहा तो पार्टी को फायदा सिर्फ संभल तक ही सीमित नहीं रहेगा। संभल को 10वें अवतार की जन्मस्थली माने जाने वाले एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान से जोड़ना और भगवान विष्णु के अंतिम अवतार का 2027 के विधानसभा चुनावों में पड़ोसी क्षेत्रों पर भी प्रभाव पड़ेगा।  
 
चमत्कार पर चमत्कार : श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट के चेयरमैन और पूर्व कांग्रेसी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि जब से मोदी कल्कि धाम आए हैं, चमत्कार पर चमत्कार हो रहे हैं। विधानसभा में योगी आदित्यनाथ के बयान को दोहराते हुए कृष्णम ने कहा कि बाबर ने तीन मंदिरों को 'ध्वस्त' किया था। एक अयोध्या में, जिसका पुनर्निर्माण किया गया है, दूसरा पानीपत में और तीसरा संभल में, जो श्रीहरि विष्णु के भावी अवतार के लिए था। कृष्णम ने कहा कि अब संभल की अपना हक पाने की बारी है, उन्होंने कहा कि कल्कि मंदिर पर काम मकर संक्रांति यानी 14 जनवरी, 2025 के बाद शुरू होगा।  
 

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