क्या है PoK, LOC, सियाचीन, अक्साई चीन, शक्सगाम घाटी और LAC का इतिहास, समझिए आसान भाषा में

WD Feature Desk
सोमवार, 28 अप्रैल 2025 (14:19 IST)
Border disputes of india: भारत की उत्तरी सीमाएं, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और दुर्गम भूभाग के साथ, एक जटिल इतिहास की गवाह रही हैं। PoK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर), सक्स्कम घाटी, नियंत्रण रेखा (LOC), सियाचीन ग्लेशिअर, अक्साई चीन और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) - ये नाम सिर्फ भौगोलिक पहचान नहीं, बल्कि दशकों के भू-राजनीतिक उथल-पुथल और अनसुलझे विवादों की कहानियाँ कहते हैं। आइए, इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों के इतिहास पर एक नजर डालते हैं:

PoK: विभाजन की कसक
1947 में भारत के विभाजन के साथ ही कश्मीर रियासत में उथल-पुथल शुरू हो गई। कबायली हमलावरों और पाकिस्तानी सेना के हस्तक्षेप के कारण महाराजा हरि सिंह ने भारत से मदद मांगी और विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय सेना ने हस्तक्षेप किया, लेकिन तब तक रियासत का एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के नियंत्रण में चला गया, जिसे आज हम पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के नाम से जानते हैं। कहा यह जाता रहा है कि महाराजा हरिसिंह के देरी से लिए गए निर्णय और जवाहरलाल नेहरू के यूएन में जाने से जम्मू और कश्मीर बंट गया। हालांकि इसकी और भी वजहें हो सकती हैं। यह क्षेत्र तब से ही भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का केंद्र बना हुआ है, जो विभाजन की एक गहरी कसक को दर्शाता है।

शक्सगाम घाटी: मौन हस्तांतरण
शक्सगाम घाटी, जो कभी जम्मू और कश्मीर का हिस्सा थी, एक रहस्यमय तरीके से इतिहास के पन्नों में दर्ज हुई। 1963 में, पाकिस्तान ने चीन के साथ एक सीमा समझौता किया, जिसके तहत उसने इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण घाटी को चीन को सौंप दिया। भारत इस हस्तांतरण को कभी स्वीकार नहीं करता और इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन मानता है। शक्सगाम घाटी, काराकोरम पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है और चीन के शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र से लगती है। इसका हस्तांतरण भारत-चीन संबंधों में एक जटिल परत जोड़ता है।

LOC: युद्धविराम की रेखा
1947-48 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप से एक युद्धविराम रेखा खींची गई, जिसे बाद में नियंत्रण रेखा (Line of Control - LOC) के रूप में जाना गया। यह कोई आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय सीमा नहीं है, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच एक वास्तविक सीमांकन रेखा है। LOC अक्सर संघर्ष और गोलीबारी का केंद्र बनी रहती है, जो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का प्रतीक है।

सियाचिन ग्लेशिअर: दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र
सियाचिन ग्लेशिअर, काराकोरम पर्वतमाला में स्थित, दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है। 1984 में, भारत ने इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ग्लेशिअर पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए "ऑपरेशन मेघदूत" शुरू किया। सियाचिन विवाद एक जटिल और लंबे समय से चल रहा विवाद है, जो भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर नियंत्रण को लेकर है। सियाचीन न केवल सैन्य दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सिंधु नदी के जल स्रोतों के लिए भी महत्वपूर्ण है।

अक्साई चीन: चीन की दावेदारी
अक्साई चीन, जो लद्दाख का एक पूर्वी हिस्सा है, चीन के नियंत्रण में है। ऐतिहासिक रूप से, यह क्षेत्र विभिन्न शासकों के अधीन रहा है, लेकिन 1950 के दशक के अंत में चीन ने इस पर अपना दावा मजबूत कर लिया। 1962 के भारत-चीन युद्ध का एक प्रमुख कारण अक्साई चीन पर चीन का दावा और वहां सड़क निर्माण था। युद्ध में भारत की हार के बाद, यह क्षेत्र चीन के नियंत्रण में चला गया और तब से दोनों देशों के बीच सीमा विवाद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना हुआ है। अक्साई चीन का पठारी भूभाग सामरिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह चीन के तिब्बत और शिनजियांग प्रांतों को जोड़ता है।

LAC:
1962 के युद्ध के बाद, भारत और चीन के बीच एक वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control - LAC) अस्तित्व में आई। यह LOC की तरह कोई स्पष्ट रूप से सीमांकित रेखा नहीं है, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच वास्तविक नियंत्रण की स्थिति को दर्शाती है। LAC को लेकर दोनों देशों के बीच अलग-अलग धारणाएं हैं, जिसके कारण अक्सर सीमा पर तनाव और टकराव की स्थिति बनी रहती है।


 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Pahalgam Terrorist Attack : भारत के एक्शन के बाद खौफ में Pakistan, चीन और रूस के सामने गिड़गिड़ाया, पहलगाम हमले को लेकर की यह मांग

130 परमाणु हथियार सिर्फ भारत के लिए, पाकिस्तानी मंत्री बोले- वॉटर सप्लाई रोकी तो युद्‍ध के लिए रहें तैयार

RJD के मोमबत्ती जुलूस में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे, वायरल हुआ Video

पहलगाम नरसंहार : क्या फिर LoC पार कर भारतीय सैनिक मचाएंगे तबाही

नम आंखों से लौटे पाकिस्तान, कोई मां से बिछड़ा तो किसी ने रिश्तेदारों को छोड़ा

सभी देखें

नवीनतम

अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर में टूटेगी 120 साल से ज्यादा पुरानी परंपरा

Pahalgam Terrorist attack : सीमा हैदर ने सोशल मीडिया से बनाई दूरी, क्या सचिन को छोड़कर जाना पड़ेगा पाकिस्तान

Reliance के दम से सेंसेक्स 1000 अंक उछला, निफ्टी 24,300 के पार

Pahalgam Terrorist Attack : PAK पर फूटा फारुक अब्दुल्ला का गुस्सा, बोले- बालाकोट नहीं, फुल एंड फाइनल हिसाब जरूरी

CM पुष्कर धामी की चेतावनी, चारधाम यात्रा को लेकर फेक न्यूज चलाई तो होगी कार्रवाई

अगला लेख