'मेक इन इंडिया' में सहयोग देगा ब्रिटेन का 'ग्रेट गठबंधन' अभियान

Webdunia
रविवार, 11 जनवरी 2015 (22:04 IST)
-शोभना जैन 
 
नई दिल्ली। ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ के 'वैश्वि‍क आह्वान' में सहयोग देते हुए दोनों देशों के बीच हुए 'ग्रेट गठबंधनों' का जश्न मनाने और ऐसे ही अनेक और गठबंधन करने के लिए एक नया अभि‍यान शुरू किया है।
 
इस अभियान के तहत पहला महत्वाकांक्षी 'ग्रेट (महान) गठबंधन' ‘ऊर्जा के विकास एवं उत्पादन के लिए ब्रिटेन की बीपी पीएलसी कंपनी और भारत की निजी क्षेत्र की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के बीच हुई अहम साझेदारी से होगा।
 
सूत्रों के अनुसार ऊर्जा की जिस कदर दिनोंदिन जरूरत बढ़ती जा रही है, उसे देखते हुए यह गठबंधन निश्चित तौर पर एक अहम पहल है। 'ग्रेट गठबंधन' अभि‍यान के तहत ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, अति विकसित विनिर्माण, वित्तीय सेवाओं और बुनियादी ढांचागत (इन्फ्रास्ट्रक्चर) जैसे विभि‍न्न सेक्टरों में हुए ऐसे आपसी गठबंधनों को दर्शाने के साथ-साथ ऐसे और गठबंधन करने के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा, जिससे दोनों ही देश लाभान्वि‍त होते हैं।    
    
प्राप्त जानकारी के अनुसार बीपी कंपनी द्वारा वर्ष 2011 में 7 अरब डॉलर से भी ज्यादा का आरंभि‍क निवेश किए जाने के बाद, बीपी और आरआईएल ने गहरे समुद्र में उत्खनन एवं उत्पादन के लिए वर्ष 2016 तक तकरीबन 1.5 अरब डॉलर निवेश करने की योजना बनाई है। 
 
वर्ष 2013 में दो विशाल गैस भंडारों की खोज के अलावा यह निवेश भारत में पहली बार गहरे समुद्र में गैस की खोज के लिए विश्व में अग्रणी तकनीकों का इस्तेमाल भी सुनिश्चि‍त कर रहा है, ताकि उत्पादन को बरकरार रखने के साथ-साथ कुल प्राप्ति‍ में बढ़ोतरी की जा सके। 
 
विशेषज्ञों के अनुसार इस साझेदारी के तहत बीपी की तकनीक एवं कौशल और रिलायंस की उत्कृष्ट कार्यान्वयन एवं परिचालन क्षमता का मेल होगा। आरआईएल और बीपी गहरे समुद्र में स्थि‍त अपने केजी-डी6 ब्लॉक के नए फील्ड्स से 3-4 ट्रिलियन घन फुट गैस के उत्पादन के लिए तकरीबन 10 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश करने की इच्छुक हैं।
 
ब्रिटिश उच्चायोग के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने भी ब्रिटेन की इस पहल का स्वागत करते हुए इस बात पर खुशी जताई कि ब्रिटिश सरकार के जोरदार समर्थन के साथ ब्रिटिश उद्योग 'मेक इन इंडिया' आह्वान पर अपनी उत्साहजनक प्रतिक्रिया दे रहा है। 
 
उन्होंने कहा ब्रिटेन हमारा एक सबसे मजबूत आर्थि‍क साझीदार और भारत में एक प्रमुख निवेशक रहा है। ब्रिटेन तकनीक एवं नवीन खोजों एवं कार्यों (इनोवेशन) में अपनी सुदृढ़ता के लिए जाना जाता है। 
 
वहीं, दूसरी ओर भारत अपने बाजारों, प्रतिभाशाली मानव संसाधन, प्रतिस्पर्धी आर्थि‍क परिदृश्य और लोकेशन (विशेष भौगोलिक स्थि‍ति) के जरिए असीम संभावनाओं से लबरेज नजर आता है। हमारी कंपनियां लोकतांत्रिक व्यवस्था, कानून के शासन, उपयुक्त भाषाई एवं प्रबंधकीय तौर-तरीकों के चिर-परिचित संदर्भ में अपना संचालन करती हैं।  
 
निश्चय ही इससे ऐसी 'अपराजेय सफल साझेदारियों' का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिनसे दोनों ही देश काफी हद तक लाभान्वि‍त हो सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि भारत का नया निवेश माहौल कहीं ज्यादा बड़ी संख्या में ब्रिटिश कंपनियों को भारत में अपना विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिए आकर्षि‍त करने में कामयाब होगा।' 
      
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरुन ने भी कहा, ‘भारत और ब्रिटेन के आपसी संपर्कों के विशाल दायरे पर मुझे गर्व है। दोनों देशों में अनेक जानीमानी ब्रिटिश कंपनियां और भारतीय कंपनियों के कामकाज से दोनों मुल्क लाभान्वि‍त हो रहे हैं। इस अभि‍यान के जरिए हम ऐसे सभी क्षेत्रों में इस तरह के अन्य महान गठबंधनों को दर्शाना एवं प्रेरित करना चाहते हैं, जिनमें हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 
 
यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभि‍यान को हमारी ओर से मिल रहे समर्थन की पुष्टि‍ करती है और भारत एवं ब्रिटेन द्वारा आपस में मिलकर 'ग्रेट महान वस्तुएं' बनाए जाने का जश्न मनाती है।’ 
 
मुकेश अंबानी और बीपी के ग्रुप मुख्य कार्यकारी अधि‍कारी बॉब डडली ने भी इस संयुक्त पहल का स्वागत करते हुए कहा, 'मेक इन इंडिया' पहल के समर्थन में ग्रेट गठबंधनों के अभियान के तहत हमारी साझेदारी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल किए जाने एवं कौशल सृजित किए जाने पर केंद्रित है ताकि हम ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा बन सकें। हमारी दो कंपनियों का आपसी रिश्ता दोनों देशों के बीच बेहतरीन साझीदारी का बढ़िया उदाहरण है।
 
आंकड़ों के अनुसार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिहाज से ब्रिटेन ‘जी-20’ के सभी सदस्य देशों के मुकाबले भारत में सबसे बड़ा ‘उत्पादक’ है। बीते साल ब्रिटेन ने भारत में 3.2 अरब डॉलर का निवेश किया था, जो भारत में जी-20 के दूसरे सबसे बड़े निवेशक (जापान -1.7 अरब डॉलर) एवं तीसरे सबसे बड़े निवेशक (अमेरिका-1 अरब डॉलर से कम) द्वारा किए गए कुल निवेश से भी ज्यादा है।
 
वर्ष 2000 के बाद अब तक भारत में हुए समस्त एफडीआई को जोड़ने पर पता चलता है कि ब्रिटेन अब भी सबसे बड़ा जी-20 निवेशक है। इस दौरान भारत में हुए कुल एफडीआई में ब्रिटेन का योगदान तकरीबन 10 फीसदी है। 
 
इसी तरह, भारतीय कंपनियों को भी ब्रिटेन के सर्वाधि‍क बड़े निवेशकों में शुमार किया जाता है। भारत शेष यूरोप में कुल मिलाकर जितना निवेश करता है, उससे भी कहीं ज्यादा निवेश वह अकेले ब्रिटेन में करता है। 
 
इन गठबंधनों के जरिए जिन अनूठे कार्यों को अंजाम दिया गया है, उससे दोनों ही मुल्क काफी लाभान्वि‍त हुए हैं। जानकारों के अनुसार ‘वाइब्रैंट गुजरात’ में भागीदारी के बाद ब्रिटेन एवं भारत की आपसी साझेदारी और ज्यादा बढ़ जाएगी। 
 
एक खास बात यह भी है कि ब्रिटेन एवं भारत दोनों की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी छाए रहने के बावजूद वर्ष 2008 से लेकर वर्ष 2013 के बीच दोनों देशों के बीच व्यापार लगभग 50 फीसदी की शानदार वृद्धि दर्शाते हुए 11 अरब पौंड से बढ़कर 16.5 अरब पौंड के स्तर पर पहुंच गया। 
 
वाइब्रैंट गुजरात 2015 में ब्रिटेन भी एक साझेदार देश है। व्यापार एवं निवेश पर ब्रिटिश सरकार के एजेंडे की कमान संभालने वाले लॉर्ड लिविंगस्टॉन की अगुवाई में 60 से भी ज्यादा कंपनियां एवं प्रतिनिधि ‍वाइब्रैंट गुजरात में ब्रिटेन का प्रतिनिधि‍त्व कर रहे हैं। 
 
यह वर्ष 2015 में समस्त देशों के सबसे बड़े प्रतिनिधि‍मंडलों में से एक है। इसने उन्नत इंजीनियरिंग, विनिर्माण, रिटेल, वित्तीय सेवाएं, इन्फ्रास्ट्रक्चर, डिजाइन एवं शि‍क्षा जैसे सेक्टरों को कवर किया है। ब्रिटिश प्रतिनिधि‍यों में ग्लोबल सीईओ मसलन वोडाफोन के विट्टोरियो कोल्लाओ और रियो टिंटो के सैम वाल्श भी शामिल हैं। (वीएनआई)
Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?