नई दिल्ली। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन साल 2021 में भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने मंगलवार को इस बारे में भारत का निमंत्रण स्वीकार किए जाने की जानकारी दी। ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने बताया कि हमारे प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है, जो बड़े सम्मान की बात है।
राब ने कहा कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले वर्ष ब्रिटेन की मेजबानी में आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने के निमंत्रण को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा स्वीकार करने पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह भारत-ब्रिटेन संबंधों के नए युग की शुरुआत का प्रतीक होगा। जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने 4 घंटे तक विविध विषयों पर व्यापक चर्चा की और इस बात पर ध्यान केंद्रित किया गया कि अपने द्विपक्षीय संबंधों को उच्च स्तर तक कैसे ले जाया जाए?
विदेश मंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में आपको मालूम है कि वैश्विक राजनीति में काफी बड़े बदलाव आ रहे हैं और हम दोनों का मानना है कि साथ मिलकर काम करने से हमारे हित बेहतर एवं अधिक प्रभावी ढंग से साधे जा सकेंगे। जयशंकर ने बाद में अपने ट्वीट में कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ आज मंगलवार को सार्थक चर्चा हुई। हमने कोविड-19 बाद और ब्रेक्जिट बाद की दुनिया में भारत-ब्रिटेन की मजबूत साझेदारी के अवसरों के बारे में चर्चा की। इस संबंध में 2030 के खाके पर काम कर रहे हैं। अफगानिस्तान में स्थिति के अलावा महत्वपूर्ण मुद्दा खाड़ी का घटनाक्रम भी है और हमने हिन्द- प्रशांत क्षेत्र के बारे में भी चर्चा की।
इससे पहले मंगलवार को भारत यात्रा पर आए ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने व्यापार, रक्षा, शिक्षा, पर्यावरण और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर वार्ता की। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बाद शिष्टमंडल स्तर की वार्ता भी हुई। राब ऐसे समय में भारत यात्रा पर यहां आएं हैं, जब ब्रिटेन ब्रेक्जिट के बाद व्यापार समझौता करने के लिए यूरोपीय संघ के साथ जटिल वार्ता कर रहा है। राब 14 से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर आए हैं।
बैठक के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ वार्ता में भारत एवं ब्रिटेन के संबंधों को और मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। जयशंकर ने कहा कि हमने अफगानिस्तान के हालात और खाड़ी देशों एवं हिंद-प्रशांत क्षेत्र संबंधी गतिविधियों की समीक्षा की। आतंकवाद और कट्टरवाद के कारण पैदा हुई चुनौतियों पर चर्चा की गई, जो साझा चिंताएं हैं। कोविड-19 के बाद आर्थिक सुधार की गति तेज करने के लिए भारत-ब्रिटेन के बीच गठजोड़ महत्वपूर्ण है।
वहीं ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने कहा कि हम भारत के साथ आर्थिक संबंध मजबूत करना चाहते हैं और दुनिया जिस तरह से बदल रही है, ऐसे में दोनों देशों के लिए नौवहन सुरक्षा, आपूर्ति श्रृंखला, जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे शीर्ष प्राथमिकता हैं। हमारे संबंध विभिन्न क्षेत्रों में साझे हित और साझे मूल्यों पर आधारित हैं और हम कई तरह से सहयोग बढ़ाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि ब्रेक्जिट के मद्देनजर ब्रिटेन, भारत जैसी अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं के साथ व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। ऐसी आशंका जताई जा रही है कि किसी व्यापार समझौते के बिना यूरोपीय संघ से बाहर आने पर ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने ब्रितानी समकक्ष एवं ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब का स्वागत किया। आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मामले एजेंडे में हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि दोनों पक्ष समग्र द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए 10 साल का खाका तैयार करने पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे।
मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि राब की यात्रा से दोनों देशों के बीच कोविड-19 और ब्रेक्जिट के बाद के परिदृश्य में कारोबार, रक्षा, जलवायु, आवागमन, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में गठजोड़ और भी मजबूत होने का मार्ग प्रशस्त होगा। राब अपनी यात्रा के दौरान वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के साथ भी बैठक करेंगे। वे बेंगलुरु भी जाएंगे, जहां वे 17 दिसंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा से मुलाकात करेंगे। (भाषा)