डॉ. देव ने बताई कैंसर की सबसे तेज और सस्ती उपचार पद्धति

Webdunia
सोमवार, 9 अक्टूबर 2017 (19:25 IST)
नई दिल्ली। कैंसर रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों का कहना है कि कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी की तुलना में कैंसर की सबसे तेज, सस्ती और प्रभावी उपचार पद्धति सर्जरी है और इस जानलेवा बीमारी के लिए नए सर्जनों को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे इस क्षेत्र में काम करने के लिए प्रोत्साहित हों।
 
यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज और गुरु तेग बहादुर अस्पताल द्वारा सर्जिकल ऑन्कोलॉजी अपडेट -2017 के नाम से यहां आयोजित सम्मेलन में एम्स दिल्ली के प्रोफेसर डॉ एसवीएस देव ने आज कहा कि कीमोथैरेपी और रेडियोथैरेपी की तुलना में कैंसर की सबसे तेज, सस्ती और प्रभावी उपचार पद्धति शल्य चिकित्सा यानी सर्जरी है।
 
इस मौके पर एम्स के कैंसर रोग विशेषज्ञ और प्रोफेसर डॉक्टर एन के शुक्ला ने कहा कि कैंसर तेजी से हमारे देश में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक बन रहा है और इस समस्या के समाधान के लिए नए सर्जनों को संवेदनशील बनाना महत्वपूर्ण है ताकि वे इस क्षेत्र में काम करने में रुचि पैदा कर सकें।
 
सम्मेलन के पहले संस्करण में विभिन्न तरह के कैंसर और उनके उपचार की रणनीतियों पर देश के अग्रणी सर्जन और कैंसर विशेषज्ञों ने चर्चा की। टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के डॉ महेश गोयल ने इस मौके पर पित्ताशय की थैली के कैंसर में सर्जरी की भूमिका पर प्रकाश डाला।
 
जीटीबी अस्पताल के कैंसर सर्जन डॉ पंकज कुमार गर्ग ने सम्मेलन में कहा कि यह आयोजन देश में कैंसर के उपचार में सर्जरी के महत्त्व एवं नए तरीकों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए आयोजित किया गया है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन के लिए कौन है जिम्‍मेदार, जलवायु वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब...

बिहार में वोटर लिस्ट विवाद के बीच चुनाव आयोग ने दी बड़ी राहत, बिना दस्तावेज के जमा करा सकेंगे गणना फॉर्म

चीन में बड़े बदलाव की आहट, क्या शी जिनपिंग 12 साल बाद छोड़ने जा रहे सत्ता? ताकत का बंटवारा क्यों कर रहा ड्रैगन का राजा

बिहार में वोटिंग लिस्ट पर बवाल, महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में दी EC के फैसले को चुनौती

ब्राजील पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस को क्‍यों याद आया 2012 का शिखर सम्मेलन

सभी देखें

नवीनतम

बेकाबू हो गए हैं एलन मस्क, ट्रंप ने कहा- नई पार्टी बनाना मूर्खता

हां, मैं पाकिस्‍तान का सबसे भरोसेमंद एजेंट था, तहव्वुर राणा का 26/11 मुंबई अटैक पर सबसे बड़ा कबूलनामा

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या नहीं इस बार गर्मी से मंडराया खतरा हिमलिंग पर पिघलने का, केवल 5 फुट का रह गया

बिहार में अब फिर एक और कांड, कारोबारी के बाद कनिष्ठ अभियंता की चाकू घोंपकर हत्या

BRICS में मोदी की मौजूदगी में ट्रंप पर निशाना, ईरान पर हमले की निंदा

अगला लेख