केंद्र ने शुरू की बड़ी दंडात्मक कार्रवाई, अलपन सेवानिवृत्ति लाभों से हो सकते हैं वंचित

Webdunia
मंगलवार, 22 जून 2021 (18:07 IST)
नई दिल्ली। केंद्र और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को लेकर जारी खींचतान के बीच केंद्र ने उनके खिलाफ बड़ी दंडात्मक कार्यवाही शुरू की है और उन्हें आंशिक या पूर्ण रूप से अपने सेवानिवृत्ति बाद के लाभों से वंचित होना पड़ सकता है। अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार की भूमिका निभा रहे बंदोपाध्याय से कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा आरोपों का उल्लेख करते हुए भेजे गए ज्ञापन का 30 दिनों के अंदर जवाब भेजने को कहा गया है।

ALSO READ: अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ केंद्र का एक्शन, रोकी जा सकती है पेंशन या ग्रेच्युटी
 
अधिकारियों ने कहा कि पूर्व मुख्य सचिव को बड़ी दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी दी गई है जिसके तहत केंद्र सरकार पेंशन या ग्रेच्युटी अथवा दोनों पूरी तरह से या उसका कुछ हिस्सा रोक सकती है। बंदोपाध्याय को 16 जून को भेजे गए ज्ञापन में उन्हें सूचित किया गया है कि केंद्र अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन व अपील) नियम, 1969 के नियम 8 और अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु सह सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 की धारा 6 के तहत उनके खिलाफ बड़ी दंडात्मक कार्यवाही करने का प्रस्ताव करता है। इसमें कहा गया कि कदाचार या दुर्व्यवहार के आरोप का सार जिनके संदर्भ में जांच होनी प्रस्तावित है, आरोप के अनुच्छेद के बयान में निर्धारित किया गया है।

ALSO READ: अलपन बंदोपाध्याय ने मोदी सरकार को दिया नोटिस का जवाब- जो ममता बनर्जी ने कहा, वो किया
 
इसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल कैडर के 1987 बैच के (सेवानिवृत्त) आईएएस अधिकारी बंदोपाध्याय को निर्देशित किया जाता है कि वे इस ज्ञापन के प्राप्त होने के 30 दिनों के अंदर अपने बचाव में लिखित बयान दें और यह भी बताएं कि क्या वे व्यक्तिगत तौर पर पेश होकर अपना पक्ष रखने के इच्छुक हैं? एक अधिकारी ने कहा कि प्रासंगिक सेवा नियमों के मुताबिक बंदोपाध्याय के खिलाफ बड़ी दंडात्मक कार्यवाही शुरू की गई है। नियम केंद्र सरकार को पेंशन या ग्रेच्युटी अथवा दोनों पूर्ण या आंशिक रूप से तथा स्थायी तौर पर या किसी खास अवधि के लिए रोकने की इजाजत देते हैं।
 
इतना ही नहीं अगर पेंशनभोगी किसी विभागीय या न्यायिक जांच में सेवाकाल या सेवानिवृत्ति के बाद पुन: नियुक्ति के दौरान गंभीर कदाचार का दोषी पाया जाता है तो यह नियम केंद्र सरकार को पेंशन या ग्रेच्युटी से पूरे या केंद्र अथवा राज्य सरकार को हुए आर्थिक नुकसान के किसी हिस्से की भरपाई की वसूली करने की भी इजाजत देता है।
 
बंदोपाध्याय 31 मई को सेवानिवृत्त हो रहे थे लेकिन इससे कुछ दिनों पहले ही उन्हें 3 महीने का सेवा विस्तार दिया गया था और केंद्र ने 28 मई को पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्य सचिव को नई दिल्ली स्थित डीओपीटी में रिपोर्ट करने के निर्देश के साथ राज्य सरकार से उन्हें तुरंत कार्यमुक्त करने को कहा था। डीओपीटी के 28 मई के आदेश पर उनके प्रतिक्रिया नहीं करने के बाद मंत्रालय ने उन्हें फिर से इस संबंध में पत्र भेजा। केंद्र और राज्य में जारी गतिरोध के बीच ममता बनर्जी ने 31 मई को कहा कि बंदोपाध्याय सेवानिवृत्त हो गए हैं और उन्हें 3 सालों के लिए मुख्यमंत्री का सलाहकार नियुक्त किया गया है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

नवीनतम

Election Results : कुछ ही घंटों में महाराष्ट्र और झारंखड पर जनता का फैसला, सत्ता की कुर्सी पर कौन होगा विराजमान

LG ने की आतिशी की तारीफ, कहा- केजरीवाल से 1000 गुना बेहतर हैं दिल्ली CM

टमाटर अब नहीं होगा महंगा, जनता को मिलेगी राहत, सरकार ने बनाया यह प्लान

Wayanad bypolls: मतगणना के दौरान प्रियंका गांधी पर होंगी सभी की निगाहें, व्यापक तैयारियां

Manipur: मणिपुर में जातीय हिंसा में 258 लोग मारे गए, 32 लोग गिरफ्तार

अगला लेख