सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा, भारत दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकता

Webdunia
शुक्रवार, 19 जुलाई 2019 (13:52 IST)
नई दिल्ली। केंद्र और असम सरकार ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय का रुख कर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को अंतिम रूप देने के लिए तय 31 जुलाई की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध किया। केंद्र ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि भारत दुनिया की शरणार्थी राजधानी नहीं बन सकता।

केंद्र और राज्य सरकार ने एनआरसी में शामिल नागरिकों के नमूने के सत्यापन का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ लगते जिलों में स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण लाखों लोगों को गलत रूप से असम एनआरसी में शामिल किया गया।

असम के लिए एनआरसी का पहला मसौदा शीर्ष न्यायालय के निर्देश पर 31 दिसंबर 2017 और एक जनवरी 2018 की दरमियानी रात को प्रकाशित हुआ था। उस समय 3.29 करोड़ आवेदकों में से 1.9 करोड़ लोगों के नाम इनमें शामिल किए गए थे।

20वीं सदी की शुरुआत में बांग्लादेश से असम में बड़ी संख्या में लोग आए। असम इकलौता राज्य है जहां एनआरसी है जिसे सबसे पहले 1951 में तैयार किया गया था।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

UP : आगरा में जूता कारोबारियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स की छापेमारी, 30 करोड़ बरामद

Swati Maliwal Case : स्वाति मालीवाल बोली- एक गुंडे के दबाव में झुकी AAP, अब मेरे चरित्र पर सवाल उठा रही है

छत्तीसगढ़ में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्‍या, फांसी पर लटका मिला एक अन्‍य शव

कोर्ट ने क्यों खारिज की विभव कुमार की जमानत याचिका, बताया कारण

अमेठी में इस बार आसान नहीं है केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की राह

निरहुआ के समर्थन में सभा, CM योगी ने आजमगढ़ से किया वादा

Live : दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता, केजरीवाल के घर से CCTV DVR जब्त

Mutual Fund ने दिखाया मजबूत भरोसा, शेयरों में किया 1.3 लाख करोड़ का निवेश

MP में छेड़छाड़ को लेकर दलित दंपति से मारपीट, जूतों की माला पहनाई, 10 लोगों के खिलाफ FIR

AAP नेताओं ने कभी निर्भया के लिए न्याय मांगा था, आज एक आरोपी का समर्थन कर रहे : स्वाति मालीवाल

अगला लेख