केंद्र ने दी सुप्रीम कोर्ट को जानकारी, कहा- कितने अवैध प्रवासी आंकड़ा जुटाना संभव नहीं

Webdunia
मंगलवार, 12 दिसंबर 2023 (16:53 IST)
Centre's reply to Supreme Court : केंद्र (Centre) ने उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) से कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे अवैध प्रवासियों (illegal immigrants) संबंधी आंकड़ा जुटाना संभव नहीं है, क्योंकि ऐसे लोग देश में चोरी-छिपे प्रवेश करते हैं। शीर्ष अदालत असम में अवैध प्रवासियों से संबंधित नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की संवैधानिक वैधता की समीक्षा कर रही है।
 
उच्चतम न्यायालय में दाखिल किए गए हलफनामे में केंद्र ने कहा कि इस प्रावधान के तहत 17,861 लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है। न्यायालय द्वारा 7 दिसंबर को पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए केंद्र ने कहा कि 1966-1971 की अवधि के संदर्भ में विदेशी न्यायाधिकरण के आदेशों के तहत 32,381 ऐसे लोगों को पता लगाया गया, जो विदेशी थे।
 
अदालत ने यह भी पूछा था कि 25 मार्च 1971 के बाद भारत में अवैध तरीके से घुसे प्रवासियों की अनुमानित संख्या कितनी है? इस पर केंद्र ने जवाब देते हुए कहा कि अवैध प्रवासी बिना वैध यात्रा दस्तावेजों के गुप्त तरीके से देश में प्रवेश कर लेते हैं।
 
अवैध रूप नागरिकों का पता लगाना जटिल प्रक्रिया : केंद्र ने कहा कि अवैध रूप से रह रहे ऐसे विदेशी नागरिकों का पता लगाना, उन्हें हिरासत में लेना और निर्वासित करना एक जटिल प्रक्रिया है। चूंकि देश में ऐसे लोग गुप्त तरीके से और चोरी-छिपे प्रवेश कर जाते हैं इसलिए देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे ऐसे अवैध प्रवासियों का सटीक आंकड़ा जुटाना संभव नहीं है।
 
सरकार ने कहा कि 2017 से 2022 तक पिछले 5 वर्षों में 14,346 विदेशियों को निर्वासित किया गया है। केंद्र ने कहा कि वर्तमान में असम में 100 विदेशी न्यायाधिकरण काम कर रहे हैं और 31 अक्टूबर 2023 तक 3.34 लाख से अधिक मामले निपटाए जा चुके हैं।
 
हलफनामे में कहा गया है कि 1 दिसंबर 2023 तक विदेशी न्यायाधिकरण के आदेशों से संबद्ध 8,461 मामले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित हैं। सरकार ने असम पुलिस के कामकाज, सीमाओं पर बाड़ लगाने, सीमा पर गश्त और घुसपैठ को रोकने के लिए उठाए गए अन्य कदमों का भी विवरण दिया।
 
शीर्ष अदालत ने 7 दिसंबर को अपने निर्देश में कहा था कि केंद्र, असम में 1 जनवरी 1966 और 25 मार्च 1971 के बीच बांग्लादेशी नागरिकों को दी गई भारतीय नागरिकता के संबंध में आंकड़ा उपलब्ध कराए। प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 न्यायमूर्तियों की संविधान पीठ ने राज्य सरकार से केंद्र को हलफनामा दायर करने के लिए आंकड़ा प्रदान करने के लिए कहा था। यह संविधान पीठ नागरिकता अधिनियम की धारा 6-ए की वैधता को लेकर दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई कर रही है।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Israel-Iran Conflict : इजराइल-ईरान में क्यों है तनाव, भयंकर युद्ध हुआ तो भारत पर क्या होगा असर

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

विमान हादसे में तुर्की का तो हाथ नहीं? बाबा रामदेव के बयान से सनसनी

इंसानी गलती या टेक्नीकल फॉल्ट, AI-171 के ब्लैक बॉक्स से सामने आएगा सच, जानिए कैसे खोलते हैं हादसे का राज

डोनाल्ड ट्रंप बोले- ईरान के पास बातचीत का दूसरा मौका, परमाणु समझौता कर तबाही को बचा लो

सभी देखें

नवीनतम

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी की पहली विदेश यात्रा, G7 समिट में होंगे शामिल

केदारनाथ से गौरीकुंड जा रहा हेलीकॉप्टर क्रैश, 7 की मौत, क्या है हादसे की वजह?

बिहार की राजनीति में कैसा है चिराग पासवान का भविष्य

चीनी सीमा के पास भारत के बांध बनाने का विरोध क्यों?

केदारनाथ के पास फिर हेलीकॉप्टर क्रैश, उत्तराखंड में डेढ़ माह में चौथा हादसा

अगला लेख