आसान नहीं है योगी आदित्यनाथ की राह, जानिए क्या हैं चुनौतियां...

नृपेंद्र गुप्ता
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद संभालने की खबरों से पूर्वांचल के लोगों में हर्ष व्याप्त है। कट्टर हिन्दूवादी और फायर ब्रांड नेता के रूप में पहचाने जाने वाले योगी से लोगों को काफी उम्मीदें हैं। राज्य में विकास के लिए उन्हें तेजी से काम करना होगा, साथ ही उन्हें कई मोर्चों पर अपनों से ही जूझना पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या होगी योगी आदित्यनाथ के सामने चुनौतियां... 
 
लोगों की अपेक्षा : भाजपा की विशाल जीत के बाद लोगों को योगी आदित्यनाथ से काफी उम्मीदें होंगी। चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी द्वारा किए गए वादों को जल्द ही उन्हें पूरा करना होगा। कोई उनसे विकास चाहता है तो कोई सुशासन, रोजगार और बिजली। अगर वे ऐसा करने में विफल रहे तो उन्हें आने वाले समय में खासी मुश्किल हो सकती है। हालांकि भाजपा नेताओं का मानना है कि योगी लोगों की अपेक्षाओं पर खरे उतरेंगे और राज्य में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे। 
 
केशव प्रसाद मौर्य : पार्टी ने भले ही मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदार रहे केशव प्रसाद मौर्य को उपमुख्यमंत्री बनाकर उन्हें संतुष्ट करने की कोशिश की हो, पर वे योगी की परेशानियां बढ़ा सकते हैं। ओबीसी और दलित समुदाय में बेहद लोकप्रिय मौर्य को साधे रखना योगी के लिए आसान नहीं होगा। 
 
जातिवाद और क्षेत्रवाद : यूपी की राजनीति में जातिवाद और क्षेत्रवाद का बोलबाला है। योगी को पुर्वांचल का नेता माना जाता है। अन्य क्षेत्रों के नेताओं से समन्वय बनाने में उन्हें खासी मशक्कत करना पड़ सकती है। उनकी छवि एक दबंग नेता की है। लव जिहाद, धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर वे मुखर रहे हैं। माना जाता है कि योगी आदित्यनाथ हमेशा एक वर्ग विशेष के खिलाफ रहे हैं। सभी जातियों को साधे रखना उनके लिए बड़ी चुनौती हो सकती है। 
 
राम मंदिर और धर्मनिरपेक्षता : योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने उन लोगों की उम्मीदों को एक बार फिर जिंदा कर दिया है, जो चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में भी यह वादा किया था। अगर योगी ने इस दिशा में जल्द पहल नहीं की तो उन्हें संघ की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। इस ओर पहल करने पर विपक्षी दलों के साथ ही मुस्लिम भी नाराज हो सकते हैं। कई कांग्रेस नेताओं को लगता है कि योगी का मुख्यमंत्री पद पर चुना जाना धर्मनिरपेक्षता पर सबसे बड़ा हमला है।
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