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चिदंबरम बोले, बड़ी गलती थी ऑपरेशन ब्लू स्टार, इंदिरा गांधी ने जान देकर चुकाई कीमत

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, रविवार, 12 अक्टूबर 2025 (12:23 IST)
Chidambaram Operation Blue star : पूर्व गृह मंत्री पी चिंदबरम ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में चलाए गए ऑपरेशन ब्लू स्टार को एक गलत फैसला बताया। इसकी कीमत उन्हें जान देकर चुकानी पड़ी। हालांकि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का बचाव करते हुए कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का फैसला उनका अकेले का नहीं था। उस समय सेना, पुलिस व उस समय के पंजाब के नेताओं का निर्णय था। ALSO READ: बिहार में सीट शेयरिंग पर क्यों मचा बवाल, क्यों NDA और महागठबंधन के लिए जरूरी छोटे दलों का साथ?
 
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के दूसरे दिन पत्रकार हरिंदर बावेजा की पुस्तक ‘They Will Shoot You Madam’ पर चर्चा के दौरान हरिंदर बावेजा ने ऑपरेशन ब्लू स्टार के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सबसे बड़ी गलती करार दिया। उन्होंने कहा कि इसके बिना भी आतंकवादियों को स्वर्ण मंदिर से बाहर निकाला जा सकता था।
 
इस पर चिदंबरम ने कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार का फैसला इंदिरा गांधी का अकेले का नहीं था। उस समय सेना, पुलिस व उस समय के पंजाब के नेताओं का निर्णय था। उन्होंने कहा कि इंदिरा को ऑपरेशन ब्लू स्टार की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। इस पर बावेजा ने कहा कि प्रधानमंत्री तो इंदिरा गांधी थी। ऐसे में उनके आदेश पर ही ऑपरेशन ब्लू स्टार हुआ।
 
बावेजा ने कहा कि इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही सुरक्षा कर्मियों ने की थी और उनकी सुरक्षा में एक एमपी का बेटा भी था। इस पर चिदंबरम ने कहा कि बावेजा ने किताब केवल एक ही नेता के सोर्स पर लिखी है, जबकि कई लोगों से बात करके यह लिखी जानी चाहिए थी।
 
इस बातचीत के दौरान चिदंबरम ने पंजाब की मौजूदा स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि आज पंजाब की असल समस्या आर्थिक है, न कि अलगाववाद। ALSO READ: दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा से गैंगरेप, पीड़िता की हालत गंभीर, 3 आरोपी गिरफ्तार
 
क्या था ऑपरेशन ब्लू स्टार : आपरेशन ब्लू स्टार के तहत भारतीय सेना ने 1 जून 1984 को अमृतसर के हरिमंदिर साहिब परिसर को खालिस्तान समर्थक जनरैल सिंह भिंडरावाले और उनके समर्थकों से मुक्त कराने के लिए चलाया गया अभियान था। यह ऑपरेशन 8 दिन तक चला था। ऑपरेशन के परिणामस्वरूप, जरनैल सिंह भिंडरावाले और कई अन्य आतंकवादी मारे गए और सेना ने अकाल तख्त पर नियंत्रण कर लिया। ऑपरेशन में सेना के 83 जवान और 334 अन्य घायल हुए थे। सिख समुदाय में इस घटना के कारण गहरा रोष और तनाव फैल गया। इसके चलते 31 अक्टूबर 1984 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख बॉडीगार्ड्स ने हत्या कर दी।
edited by : Nrapendra Gupta 

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