कालकाजी में कड़े मुकाबले में फंसींं मुख्यमंत्री आतिशी, भाजपा और कांग्रेस ने भी उतारे तगड़े उम्मीदवार
दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर आप उम्मीदवार और मुख्यमंत्री आतिशी को भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी और कांग्रेस प्रत्याशी अलका लाबा से कड़ी टक्कर मिल रही है
AAP candidate Atishi from Kalkaji seat: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (Delhi Assembly Elections 2025) में नई दिल्ली विधानसभा सीट के बाद के सबसे चर्चित सीट कालकाजी ही है। यहां से आम आदमी पार्टी के टिकट पर दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना मैदान में हैं। आतिशी वर्तमान में भी इसी सीट से विधायक हैं। हालांकि पिछला चुनाव आतिशी ने 11 हजार से कुछ ही ज्यादा वोटों से जीता था। पिछली जीत के अंतर को देखते हुए कहा जा सकता है कि आतिशी के लिए यह मुकाबला आसान नहीं होगा।
दांव पर आप की प्रतिष्ठा : भाजपा और कांग्रेस ने इस सीट से जिन उम्मीदवारों को उतारा है, उसे देखकर लग रहा है कि आतिशी कड़े मुकाबले में फंस गया हैं। भाजपा ने अपने 3 बार के सांसद और 3 बार के विधायक रमेश बिधूड़ी (BJP candidate Ramesh Bidhuri) पर दांव लगाया है। वहीं, कांग्रेस ने अलका लांबा (Congress candidate Alka Lamba) को टिकट दिया है। अलका दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष रह चुकी हैं। साथ ही 2015 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के टिकट पर विधायक भी रह चुकी हैं। हालांकि उन्होंने राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से ही की थी। वे दिल्ली कांग्रेस कमेटी की महासचिव भी रह चुकी हैं।
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बिधूड़ी के बिगड़े बोल : इसमें कोई संदेह नहीं कि भाजपा उम्मीदवार रमेश बिधूड़ी तगड़े उम्मीदवार हैं, लेकिन टिकट मिलने के बाद उनकी बयानबाजी से न सिर्फ उनको बल्कि भाजपा को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने क्षेत्र की सड़कें प्रियंका गांधी के गाल जैसी बनाने की बात की थी, वहीं आतिशी पर निशाना साधते हुए कहा था कि उन्होंने तो बाप बदल लिया। उनके इस बयान पर दिल्ली की जनता ने मुख्यमंत्री आतिशी के आंसू भी देखे, इससे उन्हें जनता की सहानुभूति भी मिल सकती है। चूंकि आतिशी वर्तमान में दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं, इसलिए उन्हें इसका फायदा जरूर मिल सकता है।
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कालकाजी सीट का इतिहास : दिल्ली में अब तक 9 बार विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। कालकाजी सीट पर सर्वाधिक 3 बार कांग्रेस का विधायक रहा है। 1998 से 2008 तक यहां कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा विधायक रहे हैं। 1993 में भाजपा की पूर्णिमा सेठी यह सीट जीतने में सफल रही थीं। 2013 में शिरोमणि अकाली दल के हरमीत सिंह कालका भी चुनाव जीत चुके हैं। 2015 से यह सीट आम आदमी पार्टी के पास है। 2015 में आप के अवतार सिंह ने चुनाव जीता था। 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत होगी। 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 विधानसभा सीटें जीतकर भाजपा और कांग्रेस दोनों का ही सफाया कर दिया था।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala