स्‍वच्‍छ इंदौर में क्राइम की गंदगी से दहशत में आम लोग, क्‍या पुलिस कमिश्नरी पर उठ रहे सवाल?

नवीन रांगियाल
मामूली विवादों में हो रही हैं हत्‍याएं, ये शहर ऐसा तो नहीं था

Crime in Indore: पर्स छीनना। चैन स्‍नैचिंग। मोबाइल झपटना और छोटी सी बात पर हत्‍या कर देना मध्‍यप्रदेश की आर्थिक राजधानी और देश के सबसे स्‍वच्‍छ शहर इंदौर में यह आम बात हो गई है। हाल ही में सड़क पर चलती लड़कियों से मोबाइल झपटने के खौफनाक वीडियो सभी ने देखे थे। इंदौर में हत्‍याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है।

बुधवार रात को ही जरा सी बात पर नाइट्रावेट और शराब के आदी रोपियों ने एक नौजवान इंजीनियर की चाकू से गोदकर हत्‍या कर दी। बेहद खौफनाक बात है कि पिछले 3 दिनों में सरेआम हत्‍या का ये दूसरा मामला है। इसके पहले रविवार को ही इंदौर के एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी दीपक सौंधिया की कार ओवरटेक को लेकर हुए विवाद में चाकू मार कर हत्‍या कर दी।

कहां है पुलिस?
वेबदुनिया की टीम ने हाल ही में शुक्रवार और शनिवार की आधी रात में शहर के कई हिस्‍सों में दौरा किया, और पुलिस की चाक चौबंद व्‍यवस्‍थाओं देखना चाहा तो जो हकीकत सामने आई वो चौंकाने वाली थी। बीआरटीएस समेत शहर के कुछ प्रमुख स्‍थानों पर कहीं कोई पुलिस जवान नजर नहीं आया। न कहीं कोई तैनाती थी और न ही कोई चेक पोस्‍ट। देर रात नशा करने वाले तेज स्‍पीड में बाइक्‍स दौडाते नजर आते, चिल्‍लाते नजर आते हैं, लेकिन उन्‍हें रोकने वाला कोई नजर नहीं आया। बता दें कि नाइट कल्‍चर में कई क्‍लब्स और पब से नौजवान नशे में झूमते हुए सडकों पर निकलते हैं, कई बार विवाद होते हैं तो कई बार वे आने जाने वाले आम लोगों के साथ बदसलूकी करते हैं। ऐसे में विवाद होने की पूरी आशंका रहती है।

इतने चाकू मारे कि खून से लथपथ हो गया अतुल : अतुल जैन की हत्‍या की घटना शहर के धार रोड की है। पर सिविल इंजीनियर की हत्या कर दी गई। फ़ॉर्चुनर से जा रहे इंजीनियर अतुल जैन को धार रोड पर चाकू मारे गए। आरोपी बाइक से जा रहे थे। अतुल को अस्‍पताल ले जाते समय उनकी मृत्‍यु हो गई। यह घटना इंदौर के चंदन नगर क्षेत्र की है।

15 सेकंड में कर दी हत्‍या : इंदौर पुलिस के मुताबिक अतुल जैन कार से अपने दोस्त के साथ जा रहे थे। गाड़ी की स्‍पीड भी ज्यादा नहीं थी। एक वाइन शॉप के सामने कार के सामने अचानक एक स्कूटर सवार सामने आ गया। हालांकि टक्‍कर नहीं हुई थी। इस दौरान कार की अगली सीट पर बैठे अतुल ने उतरकर चालकों से कहा कि गाड़ी ठीक से क्यों नहीं चलाते। यह कहते ही स्कूटर चालक ने अतुल को अचानक चाकू मार दिया। सिर्फ 15 सेकंड में यह पूरी घटना घट गई। खुद अतुल को भी समझ नहीं आया कि आखिर उसने ऐसा क्‍या बोल दिया कि स्‍कूटर सवार ने उसे चाकू मार दिया। ज्‍यादा खून बह जाने की वजह से अतुत की अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी नाइट्रावाइट व शराब के नशे के आदि हैं।

5 घंटे में 2 हत्‍याओं से सिहर उठा था इंदौर
पिछले मई महीने में हीरानगर थाना क्षेत्र के सुखलिया में एक कपड़ा व्यापारी निखिल खलसे के सिर में गोली मारकर और चाकुओं से हत्या कर दी। आरोपियों ने निखिल खलसे के सिर में पहले गोली मारी, फिर चाकुओं से ताबड़तोड़ वार किए। इसके पहले जुनी इंदौर थाना क्षेत्र के लोहामंडी में ट्रांसपोर्ट व्‍यापारी सचिन शर्मा की जघन्‍य हत्‍या कर दी गई थी। 5 घंटे में 2 हुई इन दो हत्‍याओं से इंदौर सिहर उठा था।

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार अफसर?
अतिरिक्‍त पुलिस कमिश्‍नर (लॉ एंड ऑर्डर और ट्रैफिक) मनीष कपूरिया ने वेबदुनिया को चर्चा में बताया कि इन हत्‍याओं के मामलों में हमने अपराध पंजीबद्ध किए हैं। आरोपियों की तलाश की जा रही है। जहां तक कमिश्‍नरी सिस्‍टम पर उठने वाले सवाल और इंदौर में अपराधों के ग्राफ की बात है तो हम इसे लेकर जीरो टॉलरेंस पर हैं। नाइट्रावेट और दूसरे तरह के नशों का सेवन करने वालों की भी पुलिस समय समय पर सर्चिंग और चैकिंग करती है।

कमिश्‍नरी का क्‍या फायदा : बता दें कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इंदौर में कमिश्नरी सिस्‍टम (Commissionerate System in Indore) इसलिए लागू किया गया था ताकि इंदौर में बढ़ते क्राइम के ग्राफ पर लगाम लगाई जा सके, लेकिन कमिश्‍नरी लागू होने के बाद भी इंदौर में लगातार अपराध की (Crime) सनसनीखेज घटनाएं सामने आ रही हैं। सरेआम हत्‍याएं हो रही हैं। इसके कुछ महीनों पहले 30 दिनों में 9 हत्‍याओं (Murder) से पूरे शहर में दहशत छा गई थी। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर कमिश्‍नर सिस्‍टम का क्‍या फायदा है, जब सरेआम और छोटे-मोटे विवाद में भी आम लोगों की हत्‍याएं कर दी जा रही है।

इंदौर में 2021 में लागू हुआ था कमिश्‍नर सिस्‍टम : प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj singh chouhan) ने 21 नवंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने की घोषणा की थी। इसके बाद 9 दिसंबर 2021 को भोपाल और इंदौर में कमिश्नर प्रणाली लागू की गई। कमिश्‍नरी लागू होने के बाद दोनों शहरों में पूरी पुलिस अमले में बदलाव किया गया था। मकसद यह था कि कमिश्‍नरी प्रणाली लागू होने के बाद इंदौर और भोपाल में क्राइम के ग्राफ को नीचे लाया जा सके।

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