ONGC will invest one lakh crore rupees : सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) कम कार्बन उत्सर्जन वाली कंपनी बनने की दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। इसके तहत वह नवीकरणीय और हरित हाइड्रोजन समेत पर्यावरण अनुकूल माने जाने वाले ऊर्जा क्षेत्र में इस दशक के अंत तक एक लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
देश की सबसे बड़ी कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस उत्पादक कंपनी ने कहा कि उसने कम कार्बन उत्सर्जन वाले ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार को लेकर विस्तृत रूपरेखा तैयार की है। ओएनजीसी ने बयान में कहा, कंपनी ने खुद को देश के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के साथ जोड़ा है और वह 2030 तक कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कटौती करने और कार्बन गहनता 45 प्रतिशत तक कम करने के देश के लक्ष्य में योगदान दे रही है।
इसमें कहा गया है कि कंपनी ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए विभिन्न उपायों को अपनाया है। इसके चलते पिछले कुछ साल में उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है। बयान के अनुसार, मुख्य कारोबार में पर्यावरणानुकूल गतिविधियों को अपनाकर कंपनी स्कोप-1 और स्कोप-2 उत्सर्जन में पिछले पांच साल में 17 प्रतिशत की कमी लाने में कामयाब हुई है। ओएनजीसी वित्त वर्ष 2022-23 में कार्बन उत्सर्जन में 2.66 प्रतिशत की कमी लाने में सफल हुई है।
ग्रीन हाउस गैस प्रोटोकॉल कॉर्पोरेट मानक के तहत किसी कंपनी के जीएचजी उत्सर्जन को तीन क्षेत्रों में वर्गीकृत किया गया है। स्कोप-1 उत्सर्जन कंपनी के स्वामित्व वाले स्रोतों से होने वाला उत्सर्जन है। वहीं स्कोप-2 खरीदी गई ऊर्जा से जुड़े उत्सर्जन से संबंधित है। वहीं स्कोप-तीन के अंतर्गत अप्रत्यक्ष रूप से संबंधित सभी उत्सर्जन आते हैं।
बयान के अनुसार, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए ओएनजीसी की हरित उपायों पर उल्लेखनीय रूप से खर्च बढ़ाने की योजना है। कंपनी का 2038 तक स्कोप-1 और स्कोप-2 के तहत शुद्ध रूप से शून्य उत्सर्जन हासिल करने का लक्ष्य है। कंपनी ने कहा, वह भारत में दो नए हरित ओ2सी (ऑयल टू केमिकल) संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है।
ओएनजीसी ने कहा, कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा और निम्न-कार्बन उत्सर्जन वाले क्षेत्रों में अवसरों के उपयोग के लिए रूपरेखा भी तैयार कर रही है। ओएनजीसी इस दशक के अंत तक अपने विभिन्न हरित उपायों पर लगभग एक लाख करोड़ रुपए का निवेश कर रही है और अपनी नवीकरणीय ऊर्जा को 10 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) तक बढ़ाने की योजना बना रही है।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)