नई दिल्ली/ चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच सुलह का फॉर्मूला तैयार कर लिया है।
खबरों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह को समझाने की कोशिश लगातार चल रही हैं, मुख्यमंत्री के रवैये और चुनावी वादों को पूरा नहीं करने से पार्टी नेतृत्व नाराज है। खबरों के मुताबिक सत्ता विरोधी लहर पर अंकुश लगाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल किया जा सकता है।
इसके साथ पार्टी प्रदेश कांग्रेस में भी बदलाव की तैयारी कर रही है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि कैप्टन को 200 यूनिट फ्री बिजली के वादे को पूरा करने का घोषणा करने की हिदायत दी गई थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने फ्री बिजली देने की घोषणा कर दी है।
नवजोत सिंह सिद्धू की कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद स्पष्ट है कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। कैप्टन अभी तक सिद्धू को कोई जिम्मेदारी देने का विरोध करते रहे हैं। खबरों के मुताबिक कांग्रेस जल्द ही फॉर्मूले का ऐलान कर सकती है।
अमरिंदर सिंह की बैठक : कांग्रेस की पंजाब इकाई में व्यापक बदलाव की संभावना के बीच मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रदेश के शहरी इलाकों के वरिष्ठ पार्टी नेताओं के साथ दोपहर के भोज पर बैठक की।
अपने आधिकारिक आवास पर हुई इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि पंजाब के शहरी इलाकों के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ उपयोगी चर्चा हुई। हमने जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने के लिए उनका फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में आमंत्रित किए गए नेताओं का ताल्लुक प्रदेश के शहरी क्षेत्रों से है और इनमें ज्यादातर हिंदू समुदाय से जुड़े नेता थे।
इस बैठक में शामिल होने वाले नेताओं में कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, विजय इंदर सिंगला, ओपी सैनी, राणा गुरमीत सोढ़ी और भरत भूषण आशू शामिल हैं। सांसद मनीष तिवारी और गुरजीत औजला, विधायक राजकुमार वर्का और कई जिला स्तर के नेताओं ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक में शिरकत की।
विधायक राजकुमार वर्का ने कहा कि बैठक में शहरी मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि शहरी क्षेत्रों के उन मुद्दों का समाधान किया जाए जो बैठक में उठाए गए।