जानें कौन थीं कांग्रेस की कद्दावर नेता इंदिरा हृदयेश

निष्ठा पांडे
रविवार, 13 जून 2021 (18:10 IST)
देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस की जुझारू नेत्री और राज्य की नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश बीते दिन दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में शामिल होने गई थी और दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई।

नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पिछले 4 दशक से उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड की राजनीति में बड़े नेताओं में शुमार रहीं।इंदिरा हृदयेश को पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का उत्तराधिकारी माना जाता था। उम्मीद की जा रही थी कि साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।अब अटकलें लगाई जा रही थीं कि 2022 में अगर कांग्रेस सत्ता पर काबिज होती है, तो इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।

साल 2012 में भी इंदिरा हृदयेश के मुख्यमंत्री बनने का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, तो उस दौरान कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश के समीकरण को देखते हुए विजय बहुगुणा को मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंप दी। इसके बाद चर्चाएं फिर चलनी शुरू हो गई थीं कि कांग्रेस के इस कार्यकाल के दौरान नेतृत्व परिवर्तन किया जाएगा और इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा न हो सका और हरीश रावत ने बाजी मार ली।

अब इस बार भी यह कयास लग रहे थे कि आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में अगर कांग्रेस बहुमत हासिल कर सत्ता पर काबिज होती है, तो इंदिरा हृदयेश को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।वर्तमान समय में इंदिरा हृदयेश मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार इसलिए मानी गई, क्योंकि आलाकमान ने हरीश रावत को सीएम चेहरा घोषित करने से पहले ही मना कर दिया था, लेकिन उससे पहले ही इंदिरा हृदयेश ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

उत्तराखंड में आम लोगों के बीच दीदी के नाम से लोकप्रिय डॉ. इंदिरा हृदयेश के निधन पर सभी राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने दुःख जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंदिरा हृदयेश के निधन पर दुख जताते ट्वीट करके लिखा, डॉ. इंदिरा हृदयेश जी कई सामुदायिक सेवा प्रयासों में सबसे आगे थीं।उन्होंने एक प्रभावी विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और उनके पास समृद्ध प्रशासनिक अनुभव भी था। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने भी इंदिरा हृदयेश के निधन पर शोक जाहिर किया है। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की एक मज़बूत कड़ी, डॉ. इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला। वे अंत तक जनसेवा एवं कांग्रेस परिवार के लिए कार्यरत रहीं। उनके सामाजिक व राजनीतिक योगदान प्रेरणास्रोत हैं। उनके प्रियजनों को शोक संवेदनाएं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि कांग्रेस पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं उत्तराखंड विधानसभा की नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला। आज हमने एक जुझारू नेता, जनप्रिय प्रतिनिधि एवं अभिभावक को खो दिया। ईश्वर उनको श्रीचरणों में स्थान दें एवं इस दुख की घड़ी में परिजनों को कष्ट सहने का साहस दें।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इंदिरा हृदयेश के निधन पर ट्वीट कर लिखा कि उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी की एक मजबूत कड़ी, डॉ. इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला।वे अंत तक जनसेवा एवं कांग्रेस परिवार के लिए कार्यरत रहीं, उनके सामाजिक व राजनीतिक योगदान प्रेरणास्रोत हैं।उनके प्रियजनों को शोक संवेदनाएं।

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि उनकी कमी को कोई नहीं भर सकता है। हरीश रावत ने उन्हें संघर्षरत जनता और शिक्षकों की आवाज बताया। उनके निधन पर जागेश्वर विधायक व पूर्व स्पीकर गोविंद सिंह कुंजवाल ने दुख व्यक्त किया है।

कुंजवाल ने कहा कि उनके निधन से न केवल कांग्रेस बल्कि पूरे उत्तराखंड की राजनीति को नुकसान हुआ है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने ट्वीट कर इंदिरा हृदयेश के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने लिखा है कि उत्तराखण्ड राज्य की वरिष्ठ नेत्री, पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहीं, मेरी बड़ी बहन जैसी आदरणीया श्रीमती इंदिरा हृदयेश जी के निधन का दुखद समाचार मिला।

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्वीट कर लिखा कि दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करता हूं और परमपिता परमेश्वर से विनती करता हूं कि वो इन्दिरा बहन जी की आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।दुख की इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएं।

राज्यपाल उत्तराखंड बेबी रानी मौर्य ने वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री और उत्तराखण्ड में नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश जी के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल ने दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है।

राज्यपाल ने कहा कि महिला राजनेता के रूप में उत्तराखंड राज्य और अपने कार्यकर्ताओं के बीच विशेष पहचान बनाई, जिसके लिए वह हमेशा स्मरण की जाएंगी। नेता प्रतिपक्ष का पार्थिव शरीर दिल्ली से हल्द्वानी लाया जा रहा है।

पार्थिव शरीर को उनके हल्द्वानी आवास पर अंतिम दर्शनों को कल सुबह तक रखा जाएगा। कल सुबह 10 बजे उनका अंतिम संस्कार रानी बाग चित्रशिला घाट पर होगा। अंतिम संस्कार में दिल्ली और उत्तराखंड के कई कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मौजूद  होंगे।

राजनीति में योगदान : इंदिरा हृदयेश का जन्म 7 अप्रैल 1941 को हुआ था। वह 2002 के उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में हल्द्वानी निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई थीं, तब राज्य में कांग्रेस की एनडी तिवारी सरकार में वे ताकतवर मंत्री रही। वह उत्तराखंड 2012 से 2017 तक उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार में पहले विजय बहुगुणा और फिर हरीश रावत नीत सरकारों के तहत कद्दावर मंत्री रही थीं। इंदिरा हृदयेश यूपी रहते वर्ष 1974 से लगातार चार बार उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य का चुनाव जीतती रहीं।

राज्य गठन के बाद 2002 में पहली बार विधानसभा चुनाव हल्द्वानी से लड़ा और जीतीं। एनडी तिवारी के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त, लोनिवि एवं संसदीय कार्य जैसे विभागों को संभाला। 2007 में बंशीधर भगत ने उन्हें मात दी। 2012 में भाजपा की रेनू अधिकारी को हराकर वे पांच साल सरकार में नंबर दो की हैसियत में रहीं। हाल वक्त वे नेता प्रतिपक्ष थीं।

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