अगर एक व्यक्ति एक बार में ₹2000 के 5 नोट बदलता है तो बैंकों को अगले 4 महीने में 36 करोड़ ट्रांजैक्शन करने होंगे।
एक लेन-देन में 4 मिनट भी लगे तो अगले 4 महीने में नोट बदलने में बैंकों के लगभग 2.5 करोड़ घंटे लगेंगे।
यानी अगले 4 महीनों में बैंक की शाखाएं सिर्फ एक्सचेंज में व्यस्त… pic.twitter.com/f2mwGtucNk