चेन्नई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक विशेष लोक अभियोजक के मुताबिक, अलकायदा से प्रेरित 'बेस मूवमेंट' मॉड्यूल का प्रमुख आयोजक एवं पेशे से सॉफ्टवेयर पेशेवर दाउद सुलेमान देश के खिलाफ जिहाद छेड़ना चाहता था।
मंगलवार को आरोपी की ट्रांजिट रिमांड के लिए एक स्थानीय अदालत में अर्जी दाखिल करने के बाद एनआईए के विशेष लोक अभियोजक सीएसएस पिल्लई ने बताया, यह जिहाद था, वह (सुलेमान) जिहाद छेड़ना चाहता था।
गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम कानून (यूएपीए), विस्फोटक कानून और सार्वजनिक संपत्ति क्षति रोकथाम कानून की कई धाराओं के तहत उसके खिलाफ आरोप दर्ज किए गए हैं। दक्षिण भारत की अदालतों के परिसरों में कई बम धमाकों को अंजाम देने में कथित भूमिका के सिलसिले में सुलेमान को गिरफ्तार किया गया।
11वें मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत की ओर से सुलेमान की ट्रांजिट रिमांड मंजूर किए जाने के बाद एनआईए के अधिकारी उसे बेंगलुरु ले गए। सुलेमान को अदालत में पेश किया गया था।
ईरोड के एक इंजीनियरिंग कॉलेज से बी.टेक कर चुका 23 साल का सुलेमान कथित तौर पर पहले ही कबूल कर चुका है कि उसने मैसूर की अदालत में बम लगाया था।
अधिकारी ने बताया कि उसने समूह की अन्य अवैध गतिविधियों में भी कथित तौर पर हिस्सा लिया था और उसे बेंगलुरु में 49वीं अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। (भाषा)