नई दिल्ली। भाजपा ने जम्मू एवं कश्मीर के जिला विकास परिषद (District Development Council) चुनावों के परिणामों को इस केंद्र शासित प्रदेश के भविष्य को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच की जीत करार दिया और दावा किया कि जनादेश जनता द्वारा अलगाववादियों, आतंकवादियों, चरमपंथियों और उनके संरक्षकों पर लगाया गया 'जोरदार तमाचा' है।
केंद्रीय कानून मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक
संवाददाता सम्मेलन में पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के नेतृत्व में बने 7 दलों के गुपकार गठबंधन
द्वारा नतीजों को अपनी जीत बताने के दावे को भी खारिज किया और कहा कि वहां भाजपा सबसे बड़ी
पार्टी के रूप में उभरी है तथा उसे नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और कांग्रेस को मिले मतों से ज्यादा मत मिले हैं। गुपकार गठबंधन ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और उसे राज्य से केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील करने के केंद्र सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया था।
प्रसाद ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आई है जिसे 74 सीटें मिली
हैं जबकि नेशनल कांफ्रेंस को 67, पीडीपी को 27 और कांग्रेस को 26 सीटें मिली हैं। उन्होंने दावा
किया कि बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले 39 उम्मीदवारों को भाजपा का समर्थन हासिल था। गुपकार गठबंधन के खाते में 110 सीटें गई हैं। जम्मू क्षेत्र में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया।
प्रसाद ने कहा कि अब घाटी में भी 'कमल' खिला है। मालूम हो कि 'कमल' भाजपा का चुनाव चिह्न है। उन्होंने दावा किया कि गुपकार गठबंधन भाजपा से अकेले नहीं लड़ने की कमजोरी के कारण बना था। प्रसाद ने कहा कि यह लोकतंत्र की जीत है। जम्मू-कश्मीर के अवाम की जीत है, आशा की जीत है और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जो कश्मीर के भविष्य के लिए सोचा, उसकी जीत है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर की जनता ने राज करने वालों और काम करने वालों के अंतर को पहचाना है। लोगों ने देखा है कि जम्हूरियत उनके दरवाजे पर विकास की दस्तक दे सकती है। लोगों की लोकतंत्र में आस्था पनपी है। कुलगाम, शोपियां, पुलवामा और सोपोर जैसे इलाकों में बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया जबकि 2018 के पंचायती चुनाव में इन इलाकों में महज 1.1 प्रतिशत मतदान हुआ था।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता ने अलगाववादियों पर बहुत बड़ा तमाचा लगाया है। गुपकार गठबंधन को उस क्षेत्र में भी हार का सामना करना पड़ा, जहां से हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी का ताल्लुक था। वर्ष 2016 में एक मुठभेड़ में वह मारा गया था। प्रसाद ने कहा कि उस इलाके में गुपकार गठबंधन की हार महत्वपूर्ण है, क्योंकि बुरहान वानी की मौत को 'इन तत्वों ने अंतरराष्ट्रीय अभियान' बनाया था। यहां तक कि पाकिस्तान ने भी इस मुद्दे को हवा दी थी। उत्तर कश्मीर के बांदीपोरा और कूपवाड़ा जिलों और जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों की 1-1 सीटों के परिणाम आने अभी बाकी हैं। (भाषा)