नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) आज गुरुवार को पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में स्थिति के बारे में राज्यसभा (Rajya Sabha) में बयान देंगे। बुधवार को रक्षा मंत्रालय की ओर से ट्वीट करके कहा गया था कि 'रक्षामंत्री पूर्वी लद्दाख में मौजूदा स्थिति के बारे में कल (गुरुवार को) राज्यसभा में बयान देंगे। दूसरी ओर चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग झील के उत्तरी और दक्षिणी छोर पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया।
भारतीय सेना का नहीं आया बयान: भारत के रक्षा मंत्रालय या भारतीय सेना की ओर से चीन के बयान पर कोई आधिकरिक टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष टैंक और बख्तरबंद वाहनों जैसी इकाइयों को पीछे हटाने की प्रक्रिया में हैं। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि टकराव वाले स्थलों से बख्तरबंद इकाइयों की वापसी जैसे विशिष्ट कदमों पर 24 जनवरी को 16 घंटे तक चली नौवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता में गहन चर्चा हुई थी।
भारतीय रक्षा और सैन्य प्रतिष्ठान में प्राधिकार सूत्रों ने चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान को खारिज नहीं किया। पूर्वी लद्दाख में स्थिति से अवगत लोगों ने कहा कि दोनों पक्ष पिछले दौर की सैन्य वार्ता में संपूर्ण वापसी के लिए बनी सहमति के अनुरूप अपनी बख्तरबंद इकाइयों को वापस करने की प्रक्रिया में हैं और तस्वीर जल्द स्पष्ट होगी।
चीनी रक्षा मंत्रालय ने किया था दावा : चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल वु कियान ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारों पर तैनात भारत और चीन के अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने बुधवार से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। उनके इस बयान से संबंधित खबर चीन के आधिकारिक मीडिया ने साझा की है।
कियान ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि दोनों देशों के सशस्त्र बलों की अग्रिम पंक्ति की इकाइयों ने 10 फरवरी से पैंगोंग सो के उत्तरी और दक्षिणी किनारों से व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया। चीनी रक्षा मंत्रालय के बयान पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक और दोनों पक्षों के बीच कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता में कुछ सहमति बनी। इसके बाद दोनों देशों की अग्रिम पंक्ति के सैनिकों ने 10 फरवरी से पैंगोंग झील क्षेत्र से समानांतर और व्यवस्थित ढंग से पीछे हटना शुरू कर दिया।
गलवान में हुई थी झड़प : गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे जबकि चीन ने अपने हताहत सैनिकों की संख्या का खुलासा अब तक नहीं किया है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार इस झड़प में चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे। बातचीत में भारतीय सेना ने बार-बार चीन से पैंगोंग झील के उत्तर में फिंगर-4 और फिंगर-8 इलाके से हटने को कहा, वहीं चीन भारतीय सेना से झील के दक्षिणी किनारे की ऊंचाइयों से हटने को कहता रहा। (इनपुट भाषा)