नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्तर पर नजर आ रहा है। अगले 3 दिनों में हालात और गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है। पराली जलाने, दिवाली पर आतिशबाजी और हवा की धीमी रफ्तार ने दिल्ली का हाल बेहाल कर कर दिया है।
राजधानी में अब लोगों का दम घूट रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट में प्रदूषण पर सुनवाई है। इसमें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमण, जज जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जज जस्टिस सूर्यकांत शामिल होंगे।
राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को इस मौसम का सबसे खराब AQI दर्ज किया गया। दिल्ली में 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शनिवार सुबह 499 दर्ज किया गया, जो इस मौसम में अब तक का सबसे खराब है। गुरुवार को यह 411 था।
बता दें कि AQI शून्य से 50 के बीच अच्छा, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 से 200 के बीच मध्यम, 201 से 300 के बीच खराब, 301 से 400 के बीच बेहद खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर माना जाता है।
दिल्ली एनसीआर में पिछले कई दिनों से पॉल्यूशन की वजह से विजिबिलिटी पर भी असर पड़ा है। हवा में स्मॉग की मोटी चादरें दिखाई दे रही हैं। कुतुब मीनार, लोटस टैंपल, अक्षरधाम मंदिर के आसपास के इलाकों में स्मॉग और लो विजिबिलिटी दर्ज की गई। साथ ही 'खराब हवा' की वजह से लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
गंभीर बीमारियों का खतरा : विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो वायु प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनमें दिल की बीमारियां, स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और तीव्र श्वसन संक्रमण प्रमुख हैं।
2020 में दिल्ली में वायुप्रदूषण से 54 हजार की मौत : पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्था ग्रीनपीस के अध्ययन के अनुसार, साल 2020 में खतरनाक पीएम 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) के कारण वायु प्रदूषण से सिर्फ दिल्ली में 54 हजार लोगों की मौत हुई।