दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश, सीएम आवास के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हटाएं

Webdunia
शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020 (19:02 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि अगर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरोनावायरस महामारी के कारण नगर में 31 दिसंबर तक राजनीतिक और अन्य भीड-भाड़ वाले कार्यक्रमों पर रोक लगाई है तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हटाया जाना चाहिए।
 
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा कि अदालत को उम्मीद है कि पुलिस दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के निर्देशों और मुख्यमंत्री के आवास वाले इलाके में भादंसं की धारा 144 लागू करने के लिए उचित कदम उठाएगी। अदालत ने कहा कि अगर डीडीएमए के निदेशों का उल्लंघन होने पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो इससे गलत संकेत जाएगा।
ALSO READ: उच्च न्यायालय के निर्देश पर रोशनी घोटाले में CBI ने बढ़ाया अपनी जांच का दायरा
अदालत ने सुनवाई के दौरान पुलिस से कहा कि मुद्दा यह है कि अगर डीडीएमए ने ऐसी सभा पर रोक लगाई है, तो आपको उन्हें स्थानांतरित करना होगा, बल्कि आपको उन्हें हटाना होगा। नहीं तो गलत संकेत जाएगा। जिलाधिकारियों को सुनिश्चित करना है कि डीडीएमए निर्देशों का अनुपालन हो। डीडीएमए आदेश का अनुपालन केवल उचित निर्देश जारी कर ही सुनिश्चित किया जा सकता है। निर्देश जारी करें और यदि वे अनुपालन नहीं करते हैं, तो कार्रवाई करें।
ALSO READ: समारोह में भीड़ जुटी, पूर्व मंत्री बोले- गलती हो गई, माफ कर दो...
डीडीएमए के 28 नवंबर के आदेश में राष्ट्रीय राजधानी में 31 दिसंबर तक सभी सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों या भीड़भाड़ वाले अन्य आयोजनों पर कोविड​-19 के प्रसार को देखते हुए रोक लगाई गई है। अदालत सिविल लाइंस रेजिडेंट एसोसिएशन द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व वकील रोहित भगत ने किया था।
 
याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री आवास के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण सड़क अवरुद्ध हो गई है और वहां के निवासियों को असुविधा हो रही है। अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा यह कहे जाने के बाद निर्देश दिया कि उसने प्रदर्शनकारियों को डीडीएमए के निर्देश की प्रतियां दी है और क्षेत्र में भादंसं की धारा 144 लागू की गई है। लेकिन इसके बाद भी वे वहां से नहीं हट रहे हैं।
 
पुलिस की ओर से पेश दिल्ली सरकार के वकील गौतम नारायण ने कहा कि प्रदर्शनकारियों से वैकल्पिक स्थान पर जाने का अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने इसका पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि विरोध करने वाले व्यक्ति निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और इसलिए पुलिस की अपनी सीमाएं हैं।
 
अदालत ने कहा कि वह इन स्थितियों में पुलिस की सीमाओं को समझती है, लेकिन डीडीएमए और उसके अपने के आदेश को लागू करना पड़ेगा। पुलिस ने कहा कि वह डीडीएमए और अपने आदेशों को लागू करने का प्रयास कर रही है। इसके बाद अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 21 दिसंबर की तारीख तय की और कहा कि इस बीच उम्मीद है कि प्रतिवादी (पुलिस) डीडीएमए के आदेशों और भादंसं की धारा 144 को लागू करने के लिए उचित कदम उठाएगी। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Dharali : क्या है कल्पकेदार शिव मंदिर की कहानी, धराली आपदा में फिर धरती में समाया, कितना पुराना, लोगों में क्यों अनहोनी का डर

सेविंग अकाउंट्‍स में नॉमिनी के दावा निपटान के लिए RBI उठाने जा रहा यह बड़ा कदम

रेल यात्रियों के लिए सिर्फ 45 पैसे में बीमा, ऐसे मिलेगा 10 लाख रुपए तक का लाभ

सिद्धू मूसेवाला की प्रतिमा पर लॉरेंस गैंग ने की फायरिंग, दिवंगत सिंगर की मां बोलीं- हमारी आत्मा पर जख्म है...

WhatsApp का नया सुरक्षा फीचर, अनजान ग्रुप में जोड़ने पर करेगा आगाह

सभी देखें

नवीनतम

जब तक मैं न चाहूं, मुझे हरा नहीं सकते.. ममता बनर्जी ने किसे दी यह चुनौती

कुत्ते इंसानों के सबसे अच्छे दोस्त, उनके साथ अच्छा व्यवहार हो, दिल्ली हाईकोर्ट ने क्‍यों की यह टिप्‍पणी

UP : धर्म छिपाकर की शादी, युवती का कराया गर्भपात, आरोपी के खिलाफ FIR दर्ज

Delhi : अन्यायपूर्ण, अनुचित और असंगत, डोनाल्ड ट्रैप के टैरिफ बढ़ाने पर भारत क्या लेगा एक्शन

बिना एक भी रुपया लगाए भारत से हजारों करोड़ कमा रहे हैं डोनाल्ड ट्रंप

अगला लेख